भरत को बैंक का राजपाट किसने दिलाया?

होशंगाबाद,जिला सहकारी बैंक में उपाध्यक्ष रहे भरत सिंह राजपूत को अध्यक्ष पद का प्रभार क्या मिला की शहर भाजपा में लोग बगलें झाकने लगे, श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है। विधायक प्रतिनिधि प्रकाश शिवहरे ने दावा किया कि विधानसभा अध्यक्ष की सहमति के बाद भी उन्हें यह प्रभार मिला है।
जिसमें प्रकाश शिवहरे द्वारा डॉ. शर्मा और भरत सिंह के बीच मध्यस्ता की सुलाह की बात सुर्खियों में है। वहीं एक फोटो में भरतसिंह को विधानसभा अध्यक्ष को माला पहनाते दिख रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ भरत सिंह राजपूत ने यह स्वीकार नहीं किया है कि विधानसभा अध्यक्ष की सहमति के बाद उन्हें अध्यक्ष पद मिला है। राजपूत ने स्वीकार किया है कि पार्टी संगठन, बैंक डायरेक्टर और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के माध्यम से वह विधिवत प्रक्रिया के तहत अध्यक्ष बने है। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल का कहना रहा कि जो भी फैसला हुआ है वह पार्टी संगठन ने लिया है। सभी डायरेक्टर भाजपा के ही है। वहीं बैंक में संचालक पीयूष शर्मा ने कहा कि अच्छा यह फैसला कब हो गया मुझे अभी तक कोई जानकारी नहीं है? यदि पार्टी संगठन का फैसला है तो मैं इस फैसले के साथ हूं। उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी बैंक चुनाव के दौरान ही भरतसिंह राजपूत को बैंक अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा था परंतु राजनीतिक घमासान के बीच बगीचे के विरोध के चलते हरदा से संतोष पाटिल अध्यक्ष बनने में कामयाब हो गए थे। वहीं नगर पालिका चुनाव से ही भरतसिंह राजपूत, अखिलेश खंडेलवाल और प्रकाश शिवहरे की तिकड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा के भाई पूर्व भाजपा विधायक गिरिजाशंकर शर्मा द्वारा नगर पालिका प्रत्याशी अखिलेश का चुनाव में विरोध करने को लेकर एकजुट होकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखलाया था। जिसके बाद से ही निरंतर यह तिकड़ी और विधायक गाहे बिगाहे आमने सामने हो जाते थे। कुछ समय पहले ही प्रकाश शिवहरे तिकड़ी से टूट कर विधानसभा अध्यक्ष के खेमे में शामिल हो गए। वर्तमान में भरतसिंह की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर विधायक की सहमति के बीच अखिलेश को अकेला बताने के प्रयास की राजनीतिक सुर्खियां बन गई है।

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