अश्लील सीडी मामले से छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई,राजेश मूणत ने सीडी को बताया षड़यंत्र

रायपुर,छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी बनाकर उसके नाम पर मंत्री के करीबी भाजपा नेता को फोन पर पैसों की उगाही करने के मामले में पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर गाजियाबाद कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाए जाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में मंत्री राजेश मूणत सहित बृजमोहन अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पांडेय, केदार कश्यप, पुन्नुलाल मोहिले, महेश गागड़ा, दयालदास बघेल ने इस सीडी को षडयंत्र बताते हुए इसे फर्जी बताया है।
मूणत ने इस मामले में सार्वजनिक रूप से उनका नाम लेने को लेकर विनोद वर्मा के खिलाफ सिविल लाईन थाना में एफआईआर भी दर्ज कराई है। इस सीडी कांड के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश कांग्रेस, जनता कांग्रेस, आप सहित विपक्षी दलों द्वारा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिए है, वहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा भी कथित सीडी बनाने में शामिल लोगों के खिलाफ जांच की मांग की है।
आईजी प्रदीप गुप्ता और एसपी संजीव शुक्ला ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि गुरूवार को भाजपा नेता प्रकाश बजाज ने पंडरी थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि गत तीन-चार दिन से उसके लैंड लाइन फोन पर एक व्यक्ति का ब्लैकमेलिंग कॉल आ रहा था। उक्त व्यक्ति द्वारा कहा जा रहा था कि उसके तुम्हारे आका की अश्लील सीडी बन रही है और अगर वह अपने आका की इज्जत बचाना चाहते हो, तुरंत मिलने आओ, बातचीत करो तथा अगर जानना चाहते हो कि यह अश्लील सीडी किस दुकान में बन रही है तो इस दुकान में आकर पता कर सकते हों। इस शिकायत के आधार पर दो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। आईजी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि इस मामले में कॉल दिल्ली से आ रहा था और दुकान का पता भी दिल्ली का ही था। इसलिए चैन स्नेचिंग के मामले में पहले से ही दिल्ली में मौजूद छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच की जवाबदारी सौंपी गयी है।
दिल्ली में मौजूद टीम ने इस मामले में बताये पते पर पड़ताल की तो सीडी राइट करने वाले दुकान का पता चला। दुकान से ही इस बात का भी पता चला कि पत्रकार विनोद वर्मा उनसे एक सीडी की एक हजार कॉपी करवाने आया था। दुकानदार के पास से मिले मोबाइल नंबर और निशानदेही के आधार पर पुलिस की टीम ने गाजियाबाद के इंदरापुरम स्थित विनोद वर्मा के ठिकाने पर दबिश दी और वहां से 500 सीडी के साथ उन्हे गिरफ्तार किया। हालांकि इस मामले में पुलिस इस बात से इंकार करती रही कि आखिर आका शब्द का इस्तेमाल प्रकाश बजाज को किसके लिये किया गया। पुलिस अभी तक इस बात को भी तय नहीं कर पायी है कि पैसों की उगाही के लिए फोन करने वाला विनोद वर्मा ही था या नहीं। इन तमाम सवालों को खुलासा किए बगैर पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने विनोद वर्मा को ट्रांजिट रिमांड दे दिया है। जिसके बाद पुलिस विनोद वर्मा को रायपुर लाने की तैयारी में है।

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