अच्छे बुरे स्पर्श को भूल जाइए, स्पर्श न करें का अनुसरण करें ,बाल यौन शोषण पर ‘सत्यार्थी क्लास में 4 करोड से अधिक बच्चे शामिल हुए

जयपुर,नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बुधवार को जयपुर में बाल शोषण पर अब तक के सबसे बडे क्लास रूम का आयोजन किया । डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल पर आयोजित ” यौन शोषण के खतरों पर बढती जागरूकता ” पर 35 मिनिट के सत्र में डीएवी स्कूल की बहुशाखाओं के 15,000 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया था। यह सत्र भारतीय संविधान के अंतर्गत बच्चों को प्रदान किए गए बुनियादी अधिकारों की सीख, संभावित शोषण से खुद को तथा दूसरे बच्चों को बचाने के लिए के लिए अच्छे स्पर्श-बुरे स्पर्श के बीच अंतर तथा ” स्पर्श नहीं ” के सिद्धांतों को समझने की आवश्यकता पर केन्द्रित था ।
कैलाश सत्यार्थी ने कहा ” आज दुनिया इस अभूतपूर्व पल कर साक्षी बनी जब 4 करोड से ज्यादा भारतीय बच्चे बलात्कार और यौन शोषण के खिलाफ लडाई में शामिल हुए । उन्होने पूरे भारत में विश्व की बडी बाल रक्षोपाय सीख में हिस्सा लिया । पीडितों को दोश देने तथा उन्हे कलंकित करने तथा दोशियों को शक्ति प्रदान करने वाली बरसों पुरानी मानसिकता पर यह सर्वाधिक प्रभावी आक्रमण है । आज, मुझे विश्वास हो गया है कि भारत के बच्चे यह समझ गए हैं कि उनके पास अपना शरीर, मस्तिश्क और आत्मा हैं। चूंकि यह पीढी अपने आप को बचाने के लिए तैयार है, जो इस बात की गारण्टी है कि आने वाली पीढी सुरक्षित होगी । ” ऐसे सैकडों विद्यालय हैं जिन्होने एक ही समय में राजस्थान में कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्वयं तैयार किए गए विशेष सत्र को आयोजित किया है।
जैसी कि यह बच्चों और शिक्षकों में सत्यार्थी क्लास के रूप में लोकप्रिय है इसमें देश भर के चार करोड से अधिक छात्र शामिल हो रहे हैं। इसकी मुख्य शिक्षा भारत यात्रा द्वारा निर्धारित बाल यौन शोषण तथा तस्करी के मुख्य लक्ष्य के साथ जुडी हुई है। यह कक्षा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, तमिलनाडु, तेलंगाना, सिक्किम, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, मणिपुर, महाराश्ट्र, कर्नाटक, जम्मु और कश्मीर, झारखण्ड , हरियाणा, हिमाचल प्रदेश , गुजरात, दिल्ली, चंडीगढ, छत्तीसगढ , बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे 23 राज्यों के 693 डीएवी विद्यालयों में आयोजित की जाएगी।
देश में बच्चों की सुरक्षा, संरक्षा तथा उनकी भलाई के लिए इन राज्यों में इस सप्ताह के कोर्स के दौरान विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
श्री सत्यार्थी ने कहा ” ठीक 3 वर्श पहले, मुझे नोबल पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोशणा हुई थी। मेरे लिए मेरे कार्य में अर्ध विराम है न कि मेरे अभियान का पूर्ण विराम है। आज, एक कार्यकर्ता के रूप में मेरी लडाई यह सुनिश्चित करने के लिए जारी रहेगी कि प्रत्येक बच्चा एक बच्चा बने रहने के लिए स्वतंत्र है। भारत को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए 22 राज्यों से 11,000 किलोमीटर लम्बी भारत यात्रा निकाल रहा हूं। ”
बाल यौन शोषण तथा तस्करी जैसी बढती बुराईयों से जंग लडने के लिए जागरूकता फैलाने तथा समाधान खोजने के लिए कैलाश सत्यार्थी 35 दिनों की भारत यात्रा पर निकले हैं। इस क्लास के आकार ने यह प्रभाव छोडा है कि भारत यात्रा पूरे देश में इस विशय तथा बाल हितैशी , सूरक्षित तथा संरक्षित भारत की मांग पर जागरूकता निर्मित कर रही है ।
रिपोर्टो मे कहा गया है कि भारत में प्रति दिन 40 बच्चे यौन शोषण जैसे घृणित अपराध के शिकार होते हैं जो कि प्रति घंटे 2 बच्चों के शिकार होने को दर्शाता है। समांज की मनोवृत्ति
बच्चों से लिए गए साक्षात्कार की रिपोर्ट के अनुसार यह देखा गया है कि जयपुर मे 65 प्रतिशत से अधिक बच्चे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं , 29 प्रतिशत नारी शोषण , उत्पीडन , गालियों तथा मारपीट का सामना कर रहे है और 80 प्रतिशत से ज्यादा घरेलू हिंसा का शिकार हैं या शराबियों के बीच लडाई तथा बुनियादी जरूरतों पर लोगों को लडते देखा गया है।
आज यौन शोषण तथा उत्पीडन के बारे में बच्चों तथा युवाओं को शिक्षित करने का महत्व असाधारण तथा तत्काल जरूरी है। यह पाठ बच्चों को सुरक्षित रहने तथा अपने जैसे दूसरे बच्चों को सुरक्षित बनने मे मदद करने के बारे में है । इसमे बच्चों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध बुनियादी अधिकारो तथा कानूनों के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर बाल यौन शोषण के अपराध के बारे में उनका ज्ञान तथा सूचना आधार को निर्मित करता है। भारत में एक आमूलचूल सामाजिक क्रांति की जरूरत है ताकि यह देश को बाल हितैशी देश के रूप में रूपांतरित कर सके जहां प्रत्येक बच्चा स्वतंत्र, सुरक्षित, शिक्षित तथा स्वस्थ्य हो तथा भारत यात्रा इसे सुनिश्चित करने की दिशा में पहला कदम है।
जयपुर के कार्यक्रम में बच्चों ने कैलाश सत्यार्थी, राहुल बजाज तथा भारत यात्रा का सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा नुक्कड नाटक कर गर्मजोशी से स्वागत किया ।

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