मुंडा हत्याकांड में NIA ने पूर्व मंत्री राजा पीटर को भी गिरफ्तार किया

रांची,नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी;एनआ एद्ध ने पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री गोपाल .ष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को भी गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले एनआ ए ने इस मामले में रमेश सिंह मुंडा के बॉडीगार्ड रहे झारखंड पुलिस के एएसआ शेषनाथ सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था और 15अक्टूबर तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था।
एनआ ए के अधिकारियों ने राजा पीटर आज रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया। राजा पीटर की कोर्ट में पेश के पहले ही पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। एनआईए की टीम उन्हें कैदी वाहन में लेकर कोर्ट परिसर पहुंची थी। एनआ ए ने राजा पीटर के एक करीबी सहयोगी सुनील को भी हिरासत में ले लिया हैऔर उससे पूछताछ की जा रही है।
एनआ ए को रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में राजनीतिक विद्वेष सेजुड़े रहनेके संबंध में कुछ पुख्ता सबूत मिले है। बताया जा रहा है कि अब तक की जांच के बाद जांचकर्त्ताओं को इस बारे में कुछ पुख्ता सबूत मिले है कि माओवादियों से साठगांठ कर राजा पीटर ने इस घटना को अंजाम दिलाया और इसके एवज में नक्सलियों को बड़ी राशि का भुगतान किया गया। रमेश सिंह मुंडा की मौत के बाद तमाड़ विधानसभा के उपचुनाव में राजा पीटर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को हराया था। उपचुनाव में हार जाने के बाद शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। बाद में गठित न सरकार में राजा पीटर को मंत्री भी बनाया गया था।
गौरतलब है कि 9 जुला 2008 को माओवादियों ने एसएस हा स्कूल बुंडू में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गये तमाड़ के विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या कर दी थी। इस हमले में उनके दो अंगरक्षक और एक छात्र को भी गोलियों से भून डाला गया थाए लेकिन तब सुरक्षा में तैनात एएसआ शेषनाथ सिंह को एक खरोंच तक नहीं आयी थीए जिसके कारण शक की सु शेषनाथ सिंह की ओर गयी और एनआ ए ने कल ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वहीं जब कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन ने सरेंडर कियाए रमेश सिंह मुंडा के पुत्र और आजसू विधायक विकास सिंह मुंडा ने अपने पिता की हत्याकांड मामले की जांच फिर से कराने और दोषियों पर कार्रवा की मांग को लेकर रांची में गांधी प्रतिमा के समक्ष अनशन पर बैठ गयेए जिसके बाद गृह सचिव और डीजीपी ने मामले की संपूर्ण जांच का भरोसा दिलाया और एनआ ए को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी। पुलिस इस मामले में नौ साल से जांच कर रही थीए लेकिन को ठोस नतीजे तक नहीं पहुंचीए लेकिन एनआ ए की टीम तीन महीने के अंदर ही बड़ी कार्रवा कर मामले के उदभेदन तक पहुंच गयी है।

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