कश्मीर में पत्थरबाजों को मुंहतोड़ जबाव देगी प्लास्टिक बुलेट

मेरठ,केन्द्र की मोदी सरकार ने कश्मीर में हिंसक भीड़ और पत्थरबाजों पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा पैलेटगन के प्रयोग को लेकर मचे हो-हल्ले के बीच एक बड़ी पहल हुई है।घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए पैलेटगन की जगह प्लास्टिक बुलेट भेजी गई है। सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर की यूनिट को 21 हजार प्लास्टिक बुलेट भेजी है, जिसे एके 47 और एके 56 राइफलों से दागा जा सकेगा। पुणे की आर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार यह बुलेट पैलेटगन की अपेक्षाकृत कम घातक होगी। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के सिल्वर जुबली समारोह में शिरकत करने आए सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि अभी तक हिंसक भीड़ और पत्थरबाजों को काबू करने के लिए जिस गोली का इस्तेमाल किया जाता रहा है, उसके छर्रे धातु के होते हैं। मनुष्य के शरीर के कुछ अंगों को वह भारी नुकसान पहुंचाते हैं। अब खास डिजाइन की गई प्लस्टिक की गोली कम घातक होगी। डीजी ने बताया कि आपात स्थिति में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नए तरीकों पर रिसर्च चल रही है। इसी कड़ी में डीआरडीओ पुणे में प्लास्टिक बुलेट तैयार की है, जिसका प्रयोग जम्मू-कश्मीर में पैलेटगन के विकल्प के तौर पर एके सीरीज की रायफलों में होगा। इसमें खास किस्म के प्लाटिक के छर्रे (दाने) होंगे।
वैज्ञानिकों ने भी माना है कि इस नई बुलेट से व्यक्ति को घातक जख्म नहीं आएंगे, बल्कि ये छर्रे हिंसक लोगों के शरीर पर लगने से बेचैन कर देंगे व इससे काबू करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर भेजी गई इन खास गोलियों की खेप का इस्तेमाल जल्द शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों को किसी भी तरह के वैपन की कमी नहीं आने दी जाएगी। हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। गौरतलब है कि कश्मीर में पैलेटगन के विकल्प की काफी दिनों से मांग उठती रही है। सुप्रीम कोर्ट तक ने इसके विकल्प की तलाश करने का आदेश दिया था। लेकिन अब प्लास्टिक बुलेट के प्रयोग से काफी हद तक विवाद का निपटारा हो सकता है। सुरक्षा बलों को भी कम जनहानि के साथ उपद्रवियों पर काबू पाने में मदद मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *