पूर्व प्रमुख सचिव दास ने फीस विनियामक कमेटी के पद से दिया इस्तीफा

भोपाल,प्रवेश एवं फीस विनियामक कमेटी के अपीलीय प्राधिकारी और पूर्व प्रमुख सचिव पीके दास ने फिर से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दास ने व्यक्तिगत कारण बताते हुए अपना इस्तीफा विभागीय मंत्री को भेजा था, जहां से यह इस्तीफा मुख्यमंत्री निवास तक पहुंच गया है। गौरतलब है कि सीनियर आईएएस अफसर पीके दास को रिटायरमेंट के बाद प्रदेश सरकार ने 12 जुलाई को फीस विनियामक कमेटी का अपीलीय अधिकारी बनाया था। यह पद फीस कमेटी के चेयरमैन से ऊपर होता है। पदभार संभालने के बाद दास ने फीस व शुल्क विनियामक कमेटी के सदस्यों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दास के कक्ष मे जाकर बताया जाता है कि इससे आहत होकर दास ने 19 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही उन्होंने फीस कमेटी के कार्यालय जाना बंद कर दिया था पर सरकार ने उनका इस्तीफा अस्वीकार करते हुए उन्हें पद पर काम करने को कहा था। हालांकि इसके बाद 25 सितंबर को उन्होंने फीस कमेटी को एक ई-मेल भेजकर कहा था कि वे आफिस नहीं आएंगे और ईमेल के जरिए ही विभागीय काम निपटाएंगे। बताया जाता है कि दास के आफिस न आने के इस निर्णय से सीएम सचिवालय के अधिकारी खुश नहीं थे और वह भी दास का इस्तीफा चाह रहे थे। सूत्रों के अनुसार अपीलीय प्राधिकारी बनने के बाद से ही पीके दास की फीस कमेटी के अध्यक्ष टीआर थापक से पटरी नहीं बैठ रही थी। अलावा विद्यार्थी परिषद भी फीस कमेटी से जुड़े कुछ पदाधिकारियों के इशारे पर ही दास का विरोध कर रही थी। इसके अलावा दास द्वारा कुछ मेडिकल कॉलेजों की फीस में बढोत्तरी करने से भी विवाद खड़ा हो गया था। इससे कॉलेज संचालक भी खुश नजर नहीं आ रहे थे और सरकार पर दबाब बना रहे थे। बताया जा रहा है कि दास ने पिछले दिनों अपना इस्तीफा मेल के जरिए तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय बंदोपाध्याय को भेजा था। प्रमुख सचिव ने इस इस्तीफे को तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी के पास भेज दिया था। दीपक जोशी ने इस पर अपनी टीप लिखते हुए इस्तीफा सीएम के पास भेज दिया है। फीस कमेटी के अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति सीएम समन्वय से होती है लिहाजा इस्तीफा स्वीकार करने का अधिकारी भी समन्वय को होता है। माना जा रहा है कि एक दो दिन में उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया जाएगा।

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