धर्म परिवर्तन करने पर भी महिला को मिलेगा पैतृक हक

अहमदाबाद, गुजरात हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अंतर्गत, मुस्लिम से विवाह करने पर हिंदू महिला के पैतृक संपत्ति पर हक खत्म नहीं होंगे।इस आशय का आदेश दिया है।गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जे वी पारडीवाला ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के नियमों की व्याख्या करते हुए ,अपने आदेश में कहा है कि इस अधिनियम में धर्म परिवर्तन करने वाला व्यक्ति अपने पैतृक संपत्ति के अधिकार को नहीं खो देता है।यह अधिकार सिर्फ धर्म परिवर्तन करने वाले वंशजों पर लागू होता है।
गुजरात हाईकोर्ट ने वडोदरा की नैना बेन, फिरोज खान पठान उर्फ नसीम बानो फिरोज खान पठान की याचिका को मंजूर करते हुए, राज्य सरकार के राजस्व विभाग को आदेश दिया है, कि वह महिला का नाम उत्तराधिकारी की सूची में शामिल करें।
गुजरात के राजस्व विभाग ने अपने आदेश में महिला द्वारा स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने के कारण हिंदू पिता की संपत्ति के अधिकार से बेदखल किया था।हाई कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेशों को खारिज करते हुए ,पैतृक संपत्ति पर महिला के अधिकार को कायम रखने के आदेश दिए हैं।
इस मामले में बड़ोदरा के बेमाली गांव की नैना बहन ने फिरोज खान से 25 जनवरी 1991 में विवाह किया था।नैना बहन ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था। नैना बहन के पिता जी भीखा भाई पटेल का 2004 में निधन हो गया था। वह अपने पीछे करीब डेढ़ हेक्टेयर जमीन को छोड़ गए थे।इस जमीन पर नैना बहन उर्फ नसीम बानो ने, उत्तराधिकारी के रुप में दावा किया था। जिसे अधीनस्थ न्यायालयों ने स्वीकार नहीं किया था।इसके विरोध में महिला ने हाईकोर्ट में अपील की थी।

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