जो अपने बाप का नहीं हुआ वह किसी और का क्या होगा,उनको आर्शीवाद पर कुछ निर्णयों से असहमत-मुलायम

लखनऊ,तमाम कयासों और चर्चाओं को खारिज करते हुए समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने फिलहाल नयी पार्टी का ऐलान तो नहीं किया लेकिन अपने पुत्र और पार्टी के मुखिया अखिलेष यादव को थोड़ी बहुत खरी खोटी जरूर सुनायी। उन्होंने कहा कि मेरा आर्शीवाद अखिलेष यादव के साथ है लेकिन उनके कुछ फैसलों से मैं सहमत नहीं हूं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जो अपने बाप का नहीं हुआ वो किसी और का क्या होगा। इसके अलावा उन्होंने केन्द्र की मोदी और उप्र की योगी सरकार को हर मुद्दे पर विफल करार दिया।
समाजवादी पार्टी में लम्बे समय से चली आ रही रार के बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को पत्रकार वार्ता करने की घोषणा दो दिन पूर्व की थी। तभी से यह चर्चायें आम हो गयी थीं कि श्री यादव समाजवादी पार्टी से अलग होकर नयी पार्टी का ऐलान करेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बहुप्रतीक्षित प्रेस कान्फ्रेंस में मीडिया कर्मी भी बढ़-चढ़कर पहुंचे थे लेकिन श्री यादव ने एक बार फिर ‘चरखा दांव’ खेल दिया। उन्होंने पत्रकारवार्ता में स्वयं को सिर्फ और सिर्फ केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उप्र की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधने तक ही सीमित रखा। लेकिन जब बारी पत्रकारों के सवाल पूछने की बारी आयी तो श्री यादव ने अपने सधे हुए अंदाज में उत्तर देना शुरू किया तो कई मीडियाकर्मी तक निराष हो गए।
यहां लोहिया ट्रस्ट कार्यालय परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह अभी नयी पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस बारे में कोई सवाल कभी आयेगा तो वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दे देंगे। वहीं उन्होंने समाजवादी विचारधारा के लोगों से अपील की कि वह सपा से जुड़ें और उसे मजबूत करें। सपा संस्थापक ने एक अन्य सवाल पर कहा कि अखिलेश यादव उनके बेटे हैं, लिहाजा उनके साथ उनका आशीर्वाद बना हुआ है लेकिन उनके कई निर्णयों से वह सहमत नहीं है। इस प्रश्न पर कि वे कौन से निर्णय हैं, इस पर श्री यादव ने कहा कि वह जल्द ही इस बारे में भी बताएंगे। राजनीति के माहिर खिलाड़ी श्री यादव प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूछे जा रहे सवालों का गोलमोल जवाब देते रहे। इस सवाल पर कि इस वक्त सपा का नेतृत्व कौन कर रहा है, उन्होंने कहा ‘‘हम नेतृत्व कर तो रहे हैं।’’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश तो पार्टी छोड़ चुके हैं। इस सवाल पर कि वह अखिलेश के साथ हैं या उनके प्रतिद्वंदी चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ, मुलायम ने कहा ‘‘मैं समाजवादी पार्टी के साथ हूं।’’ इस साल जनवरी में अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर यह कहकर काबिज हो गए थे कि तीन माह बाद वह यह पद अपने पिता का वापस कर देंगे। इस बावत पूछे जाने पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश ने वादा किया था कि विधानसभा चुनाव के बाद वह पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ देंगे, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया। उनके बारे में तो एक बड़े नेता ने भी कहा है कि जो अपने बाप का नहीं हुआ वह किसी का नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह बात सही भी है। जो व्यक्ति अपनी बात का पक्का नहीं हो और जिसने अपने बाप को धोखा दिया हो, वह किस्मत का धनी नहीं हो सकता। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के विरोधी चाचा शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर मुलायम ने कहा कि शिवपाल किसी जरूरी काम से इटावा-मैनपुरी में ही हैं।इससे पहले उन्होंने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए उन्हें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रही लड़कियों पर लाठीचार्ज, किसानों की कर्जमाफी और कानून-व्यवस्था के मसले पर घेरा और कहा कि समान विचारधारा वाली शक्तियों को एकजुट होना पड़ेगा, तभी देश बच सकेगा। पत्रकार वार्ता के दौरान सपा संस्थापक ने केन्द्र सरकार की नाकामियां गिनाने के बाद एक और पेज उनके बगल में बैठे वरिष्ठ नेता शारदा प्रताप शुक्ल ने उन्हें उठाकर दिया, इस पर मुलायम सिंह ने कहा कि वह इसे बाद में पढ़ेंगे। हालांकि उन्होंने इसे नहीं पढ़ा।

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