चेन्नै,शिखर धवन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज के पहले 3 मैचों में नहीं खेलेंगेहैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अंजिक्य रहाणे को रोहित शर्मा के साथ सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारा जा सकता है। इसके अलावा केएल राहुल से भी पारी शुरु करायी जा सकती है। ऐसी स्थिति में मध्यक्रम में जगह के लिए अंजिक्य और मनीष पांडेय में से किसी एक को अवसर मिल सकता है। इस साल के शुरुआत में रहाणे ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ अच्छे खेल का प्रदर्शन किया था। सीरीज में उन्होंने एक शतक और तीन अर्ध शतक जमाए थे और उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी मिला था। श्रीलंका के खिलाफ उन्हें केवल एक मैच में ही मौका मिला। विदेशी सीरीज में रहाणे को ज्यादा मौके मिले हैं जबकि घरेलू सीरीज के दौरान उन्हें बेंच पर ही बैठा रहना पड़ा है।
धोनी ने 2015 में बांग्लादेश दौरे के समय कहा था कि उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में रहाणे मिडल ओवर में स्ट्राइक रोटेट करने में स्ट्रगल करते दिखते हैं। आंकड़ों में धोनी की बात सही भी लगती है। वनडे में रहाणे का स्ट्राइक रेट 78.35 है। यह रोहित शर्मा (85.34) और विराट कोहली (91.72) की तुलना में बेहद कम है। 14 मैचों के बाद मनीष पांडेय का स्ट्राइक रेट 94.80 है, जो रहाणे से अधिक है। राहुल का स्ट्राइक रेट (80.78) रहाणे के करीब होते हुए भी उनसे अधिक है। राहुल पर कोहली का भरोसा भी ज्यादा है हालांकि रहाणे के कोच प्रवीण आमरे की राय अलग है। उनका कहना है कि रहाणे एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी परिस्थिति में किसी भी क्रम में खेल सकते हैं। पिछले वर्षों में भारतीय टीम उनमें सलामी बल्लेबाज की भूमिका तलाश रही थी पर वह मध्य क्रम में भी बेहतर खेल दिखा सकते हैं।