भारत-जापान ने आतंकवाद पर पाक की खिंचाई की,आबे को दांडी कुटीर लेकर गए मोदी

अहमदाबाद, दो दिवसीय भारत दौरे पर आए जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री मोदी के बीच गुरुवार को अहमदाबाद में सालान शिखर बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और परिवहन को लेकर कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। साथी ही मोदी-आबे ने पाकिस्तान को झटका देते हुए भारत में हुए आतंकी हमलों के आरोपियों को सजा दिलाने की बात कही। दोनों ने अपने संयुक्त बयान में कहा पाकिस्तान सन 2008 में हुए मुंबई हमलों और 2016 में हुए पठानकोट हमलों के दोषियों को सजा दे।
इसके अलावा 5वां भारत-जापान शिखर सम्मेलन आतंकवाद के मुद्दे पर भी करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा जैश ए मुहम्मद, लश्कर ए तैयबा व अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई गई। बैठक के बाद जारी साझा बयान में मोदी ने कहा जापानी प्रधानमंत्री आबे का स्वागत व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए महत्वपूर्ण अवसर है। हमने अहमदाबाद से मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल नेटवर्क प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। पीएम ने कहा हमने पहले से भारत आने वाले जापानियों को वीजा ऑन अराइवल सुविधा दे रखी है। अब हम इंडिया पोस्ट और जापान पोस्ट की मदद से भारत में रहने वाले जापानी लोगों को एक और सुविधा देने जा रहे हैं। इसकी मदद से जापानी लोग सीधे उनके देश से अपनी पसंद का खाना मंगवा सकेंगे। पीएम ने कहा आज हुए समझौतों का मैं दिल से स्वागत करता हूं। जापान ने भारत में 2016-17 में 4.7 मिलियन डॉलर का निवेश किया, जो पिछले साल के मुकाबले 80 प्रतिशत ज्यादा है। शिंजो आबे ने भारत को बुलेट ट्रेन की सौगात दी, तो पाकिस्तान को खूब खरी खोटी सुनाई। शिंजो आबे ने कहा पाकिस्तान को मुंबई और पठानकोट में हुए आतंकी हमले के गुनाहगारों को सजा देनी चाहिए। उन्होंने आतंक की आलोचना करते हुए पूरे विश्व में शांति की कामना भी की।
गुजरात-भारत के परिवहन में मील का पत्थर साबित होने वाली बुलेट ट्रेन के भूमिपूजन के लिए गुजरात के मेहमान बने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दांडी कुटीर का निरीक्षण किया। दोनों महानुभावों ने मैत्रीपूर्ण माहौल में हाथ मिलाकर भारत और जापान के बीच संबंधों के आधार को और मजबूत बनाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को दांडी कुटीर लेकर गए। जहां दोनों महानुभावों ने गांधी जी के जीवन-कंवन और उनके जीवन संदेश से संबंधित प्रदर्शनी को निहारा। आबे ने इस प्रदर्शनी को देखने में काफी दिलचस्पी दिखाई। बाद में दोनों महानुभाव दांडी कुटीर से पैदल ही महात्मा मंदिर तक आए, जहां दोनों के बीच संवाद हुआ।

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