15 तक जारी होगी नई रेत हार्वेस्टिंग, विपणन पॉलिसी, बन सकती है रेत परिवहन कंपनियों

भोपाल,रेत की डिमांड को पूरी करने के लिए राज्य सरकार 15 अगस्त तक नई रेत हार्वेस्टिंग और विपणन पॉलिसी जारी करने वाली है। रेत पॉलिसी को मंजूरी देने से पूर्व राज्य सरकार ने 10 अगस्त तक जनता से सुझाव मांगे है। सरकार का ड्राफ्ट लगभग फाइनल है, फिर भी किसी तरह की कमजोरी सामने न आ पाए इसलिए लोगों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। सरकार को यदि कोई सुझाव पसंद आता है तो उसे पॉलिसी में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पॉलिसी में किसी राज्य विशेष की नीति को पूरी तरह स्वीकार करने की बजाए मिक्स फॉर्मेट इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। रेत खनन का काम स्थानीय बेरोजगारों को दिया जाएगा। मालूम हो कि प्रदेश में हर साल 3 करोड़ घनमीटर रेत की जरुरत होती है। इसके लिए 50 लाख घनमीटर रेत की उपलब्धता तेलंगाना राज्य के मॉडल के आधार पर तय की जा सकती है जबकि एक करोड़ घनमीटर रेत के लिए 6 माह में ई-ऑक्शन सिस्टम द्वारा असंचालित खदानों में उपलब्ध रेत की मात्रा का साइंटिफिक मूल्यांकन कराने के बाद यह व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही सरकार रेत खनन के बजाय रेत हार्वेस्टिंग पर जोर देकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर की तरह बीआरटीएस की तर्ज पर रेत परिवहन कंपनियों का गठन करने का फैसला ले सकती है।
सरकार द्वारा रेत विपणन के लिए तैयार की जा रही पॉलिसी मे इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि रेत की डिमांड का आंकलन कर 20 प्रतिशत अधिक मात्रा में रेत की उपलब्धता रखी जाए। इससे रेत के कारोबार में फ्राड रोका जा सकेगा। इसमें यह भी तय किया जा सकता है कि रेत ट्रेडिंग पोर्टल पर पंजीकृत व्यापारियों से पीक्यूटी माडल पर बुकिंग कराई जाए और यह बुकिंग सुबह 9 से 12 बजे के बीच हो। इसके आधे घंटे बाद रेत आवंटन की सूचना जारी कर दी जाए और रेत उठाने के लिए 48 घंटे की समय सीमा तय कर दी जाए। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह कांसेप्ट तेलंगाना राज्य में चल रहा है जिसमें ऑनलाइन पेमेंट की बात भी शामिल किए जाने के लिए अफसर जोर दे रहे हैं। प्रस्तावित नीति में यह भी तय हो सकता है कि अगर कोई दो दिन में रेत नहीं उठा पाया तो उसे 5 प्रतिशत अधिक राशि देनी पड़े और बुकिंग निरस्त कराना हो तो 5 प्रतिशत राशि की कटौती कर ली जाए। सरकार यह भी तय कर सकती है कि रोज सुबह 8 बजे पोर्टल पर बिक्री के लिए उपलब्ध रेत की जानकारी दे दी जाए।

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