मेधा को SC से झटका,NBA ने कहा- जब तक 40,000 परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा, लड़ाई जारी रहेगी

नई दिल्ली/इंदौर,12 दिन से प्रदर्शन कर रहे नर्मदा बचाओं आंदोलन के कार्यकर्ता और प्रभावितों को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरदार सरोवर बांध प्रोजक्ट के विस्थापितों को हटाने की डेडलाइन नहीं बढ़ाई। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि वह विस्थापितों के लिए तमाम इंतजाम कर रही है। इससे पूर्व डूब क्षेत्र से विस्थापितों को जबरन हटाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था।
वहीं, नर्मदा बचाओ आंदोलन का कहना है कि नर्मदा घाटी में सभी विस्थापितों के लिए पूर्ण न्याय प्राप्त होने तक कानूनी और जमीनी लड़ाई जारी रहेगी। कार्यकर्ताओं ने कहा- मेधा पाटकर और 21 अन्य लोगों के लगातार अनिश्चितकालीन उपवास पर नर्मदा बचाओ आन्दोलन उनसे मिलने व बात करने की अस्पताल में पूर्ण अनुमति के बाद फैसला करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की याचिका में विस्थापितों को हटाने के लिए 31 जुलाई की डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग की गई है। इस याचिका में कहा गया था कि इस मामले में 40 हजार परिवार प्रभावित हो रहे हैं और 192 गांव शामिल हैं। ज्यादातर विस्थापितों को वैकल्पिक जगह नहीं मिली है और ऐसे में प्रशासन इन लोगों को टीन शेड में रख रहा है जहां के हालात ठीक नहीं हैं। ऐसे में इन लोगों को और वक्त मिलना चाहिए ताकि वे सही तरीके से दूसरी जगहों पर जा सकें। याचिका में कहा गया है कि अवार्ड के वक्त भी इन लोगों को कुल 18 महीने का वक्त दिए जाने का नियम बनाया गया था, जिसमें दूसरी जगह शिफ्ट होने के बाद पानी छोडऩे के लिए भी 6 महीने का वक्त दिए जाने के लिए कहा गया था ताकि लोग बचे हुए सामान को भी निकाल सकें।

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