नई दिल्ली,आम लोगों के लिए बैंकों के खुलने और बंद होने का समय बदल सकता है। मुमकिन है कि बैंक सुबह दस बजे के बजाय 9:30 बजे खुलें और शाम चार बजे तक ग्राहकों के काम निपटाए जाएं। ऐसा हुआ तो बैंक कर्मचारी सप्ताह में सिर्फ पांच दिन काम करेंगे। हर शनिवार और रविवार को बैंक बंद रहेंगे।
ऐसे एक प्रस्ताव पर इन दिनों गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस मसले पर बैंकों की संस्था इंडियन बैंक्स असोसिएशन (आईबीए) और बैंक यूनियनों के बीच पहले दौर की बातचीत हो चुकी है। इसी महीने दूसरे दौर की बातचीत के बाद अंतिम फैसला होने की संभावना है। अभी बैंक कर्मचारी आमतौर पर हर दिन करीब साढ़े छह घंटे काम करते हैं। हालिया बैठकों में बैंक यूनियनों ने कहा कि वे ग्राहकों को अतिरिक्त समय देने को तैयार हैं, पर उन्हें फाइव-डे वीक चाहिए। अभी बैंकों में हर दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी रहती है। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि समय बढ़े तो हर शनिवार की छुट्टी मिले। सरकार का मानना है कि बैंकों के पास ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में बैंकों को कैश डिपॉजिट, नए खाते खुलवाना, एफडी बनवाना, एफडी तुड़वाना और पासबुक में एंट्री जैसे कामों के लिए ज्यादा समय देना चाहिए।
सरकार बैंक यूनियनों की मांग से सैद्धांतिक रूप से राजी है। शनिवार को शेयर बाजार बंद होता है और कारोबार से संबंधित कामकाज कम रहता है। हर शनिवार और रविवार बंद रहने से बैंकों की ऑपरेशनल कॉस्ट भी घट सकती है। जिस दौर में चौबीस घंटे सातो दिन कामकाज की जरूरत महसूस की जा रही हो, वहां किसी सेक्टर में फाइव डे वीक की मांग उठाना हैरान करता है। बैंकिंग से जुड़े बहुत से काम अब भी बैंक जाए बिना पूरे नहीं होते। हर सप्ताह दो छुट्टियां उन्हें भारी पड़ सकती हैं, जो शनिवार को अपने अवकाश पर बैंकिंग से जुड़े कामकाज निपटाते हैं। क्या कोई बैंक गवारा करेगा कि जिस दिन लोगों को उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, उस रोज उसकी शाखाओं में सन्नाटा पसरा हो।
बैंक कर्मियों के लिए सप्ताह में दो दिन अवकाश का प्रस्ताव
