2 आईपीएस को अनिवार्य सेवानिवृत्त, डिप्टी जेलर निलंबित

रायपुर, भारत सरकार ने आईपीएस के सर्विस रिकार्ड खंगाले और कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ के दो आईपीएस अफसरों एएम जूरी और केसी अग्रवाल को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। इसके पहले आईपीएस राजकुमार देवांगन को भी इसी तरह बर्खास्त किया जा चुका है। इस मामले के बाद ही एक्शन में आई राज्य सरकार ने सोशल साईट पर नक्सल समर्थित पोस्ट करने के चलते बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को निलंबित कर दिया है।
एएम जूरी 2000 बैच के आईपीएस, जबकि केसी अग्रवाल 2002 बैच के आईपीएस अफसर बताए जा रहे हैं। दोनों के खिलाफ लंबे अरसे से डीई की कार्रवाई चल रही थी, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने कोई एक्शन इन दोनों के खिलाफ नहीं लिया था। कैडर रिव्यू के बाद दोनों पर कार्रवाई की गई है।
एएम जूरी पर आरोप है कि, उन्होंने बिलासपुर में पुलिस अधीक्षक रहते हुए पहली पत्नी और बच्चे के रहते दूसरी शादी कर अपनी नई पत्नी के साथ रहते थे। ऐसे में पहली पत्नी की शिकायत पर डीजीपी ओपी राठौर ने बिलासपुर के तत्कालीन आईजी डीएस राजपाल से इसकी जांच कराई। राजपाल ने इसके हर पहलू की जांच की और जूरी को मामले में दोषी पाया। राजपाल ने अपनी रिपोर्ट में जूरी के खिलाफ लगे सभी आरोपों को सही ठहराया था।
2002 बैच के आईपीएस अफसर केसी अग्रवाल 2006 में जब सूरजपुर एसपी थे, तो इन पर कोयला चोरी का आरोप लगा था। आरोप ये भी था कि अग्रवाल ने न सिर्फ चोरों को शह दे रखी है बल्कि कोयला चोरों को शह देकर अवैध कोयला कारोबार को फ लने-फू लने में मदद कर रहे हैं। अग्रवाल के खिलाफ भी लंबे समय से डिपार्टमेंटल इंन्कावयरी चल रही थी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया था।
जूरी बालोद और बलौदाबाजार जिले के एसपी रह चुके हैं। तो वहीं 2002 बैच के आईपीएस अफसर केसी अग्रवाल जशपुर और सूरजपुर जिला के एसपी के साथ-साथ और रेलवे एसपी भी रह चुके हैं।
जूरी के खिलाफ 2008 से डीई चल रही थी, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने डीई पर कोई एक्शन नहीं लिया। वहीं केसी अग्रवाल के खिलाफ लंबे समय से डीई थी, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हालांकि कैडर रिव्यू के दौरान ये दोनों भारत सरकार के निशाने पर आ गये और अनिवार्य सेवानिवृति दे दी। मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार से मिले निर्देश के बाद राज्य सरकार ने शनिवार की देर शाम बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दोनों को नौकरी से हटा दिया गया।
राज्य सरकार ने बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को सोशल मीडिया में नक्सली समर्थक पोस्ट करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। इसके पहले भी रायपुर केन्द्रीय जेल की पूर्व सहायक जेल अधीक्षक वर्षा डोंगरे के खिलाफ सरकार ने ऐसे ही एक मामले पर कार्रवाई कर चुकी है। इसे लेकर भारी बवाल मचा था, लेकिन एक और सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव ने कुछ इसी तरह का पोस्ट करके सनसनी फैला दी थी।

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