ममता के किले में शाह ने लगा दी सेंध, 6 विधायक होंगे भाजपा में शामिल

अगरतला, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगातार विरोधी दलों में सेंध लगाने का काम कर रहे हैं। गुजरात में कांग्रेस और उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा विधायकों को भाजपा में शामिल कराने के बाद अब शाह के निशाने पर ममता बनर्जी की पार्टी है। शाह ने ममता के अभेघ किले में सेंध मारी करने में सफलता हासिल कर ली है।ये सभी 6 विधायक सोमवार को अगरतला में पार्टी में औपचारिक रुप से शामिल होने वाले है। बात दे कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बर्खास्त किए गए त्रिपुरा इकाई के छह विधायक आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। इन 6 विधायकों मेंसे सुदीपरॉय बर्मन,आशीषकुमार साहा,दिबाचंद्र रांगखॉल,बिस्वबंधु सेन और प्राणजीत सिंह रॉय ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। एक विधायक दिलीप सरकार बीमार हैं और अगरतला में हैं।अमित शाह से मुलाकात के बाद असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि तृणमूल के ये छह पूर्व विधायक सोमवार को अगरतला में केंद्रीयमंत्री धर्मेद्र प्रधान, पार्टी महासचिव राम माधव और अन्य नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल होंगे।
दरअसल पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चा के साथ गठबंधन के विरोध में इन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। लेकिन टीएमसी में भी ये ज्यादा दिन टिक नहीं सके। तृणमूल के महासचिव पार्था चटर्जी ने तीन जुलाई को कोलकाता में कहा था कि त्रिपुरा के छह विधायकों से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। त्रिपुरा तृणमूल कांग्रेस के छह बर्खास्त विधायक आज औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे। ये 6 विधायक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह,असम के वित्तमंत्री हिमांत बिसवा शर्मा, राज्य पार्टी के अध्यक्ष बिप्लब देब और पार्टी के त्रिपुरा पर्यवेक्षक सुनील देवधर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे।
बता दें कि इन विधायकों ने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट दिया था। बर्खास्त विधायकों ने घोषणा की थी कि वो राष्ट्रपति पद के किसी ऐसे उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे जिसका समर्थन माकपा कर रही हो।त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता सुदीप रॉय बर्मन और पांच अन्य विधायकों ने 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में माकपा के साथ कांग्रेस के तालमेल के विरोध में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद उन्होंने खुलेआम कोविंद के समर्थन की घोषणा की तो तृणमूल कांग्रेस से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।

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