सरकार एक साल का समय और दे : मेधा पाटकर

धार/बड़वानी, सरदार सरोवर बांध भरे जाने के बाद बांध के जलभराव से से प्रभावित हजारों लोगों का धरना प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। इस जलभराव से लगभग 190 गांवों के हजारों परिवारों विस्थापित हुए हैं, जिन्हें उचित पुनर्वास नहीं मिल रहा है। इस बीच, नर्मदा प्रभावितों के लिए लड़ रही मेधा पाटकर का अनशन आठवे दिन में प्रवेश कर गया। मेधा के साथ 12 अन्य लोग भी अनशन कर रहे हैं। यह धरना धार जिले के ग्राम चिखल्दा में जारी है। उपवास स्थल पर मेधा पाटकर और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने शाम को एक प्रेस वार्ता आयोजित की। जिसमें मेधा समेत नर्मदा बचाओ आंदोलन के कई कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों को जानकारी दी। मेधा ने सरकार और सरकारी तंत्र पर यह आरोप लगाया। मेधा ने कहा कि 6000 से अधिक प्रकरणों में आज भी सुनवाई होना शेष है फिर ऐसे में उनको क्यों नजरअंदाज कर दिया गया? वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा 900 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा को ऐसे बताया गया कि जो परिवारों की संख्या सरकार के द्वारा बताई जा रही है उसके आधार पर अगर गणना किया जाए तो वहीं आंकड़ा 900 करोड़ से अधिक का होता है। ऐसे में सरकार का 900 करोड़ का आंकड़ा बताना समझ से परे है। वही सरकार की घोषणाएं अब तक आदेश के रूप में सामने नहीं आई है। मेधा ने कहा कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आंकड़ों का खेल खेल रहे हैं विस्थापित परिवारों की विस्थापित गांवों की जिन गांवों में पुनर्वास किया जाना है। जिन गांवों का पुनर्वास किया जाना है जिन परिवारों का पुनर्वास होना है, जहां पर पुनर्वास होना है, उनकी संख्या बार-बार क्यों बदली जा रही है।
सरकार ने कोर्ट को गलत जानकारी दी
इस पर मेधा पाटकर ने बड़ा सवाल खड़ा किया वहीं यह भी बताया कि सरकार ने कोर्ट में कुछ अलग आंकड़े पेश किए हैं, जबकि धरातल पर उससे कहीं अधिक संख्या में परिवार और गांव प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में सरकार की मंशा भी साफ नहीं नजर आती। मेधा पाटकर ने कहा कि बड़वानी कलेक्टर भी गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं।
नीतिश पर भी हमला
मेधा ने कहा कि महागठबंधन के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार की नई पारी की शुरुआत कर चुके हैं। पहले नीतिश ने मेधा पाटकर के समर्थन में बड़वानी में कार्यक्रम भी किया था। क्या नीतिश अब प्रधानमंत्री मोदी के सामने नर्मदा बचाओ आंदोलन के सरदार सरोवर के भरने और पुनर्वास के हालिया हालात पर फिर से अपना समर्थन देते हुए अपनी बात रख पाएंगे।
प्रधानमंत्री पर भी आरोप
मेधा ने कहा मोदी जी हजारों परिवारों की बलि देकर विकास करना चाहते है तो यह भी उन्हें स्पस्ट जारी करना चाहिए। मन की बात कार्यक्रम में मोदी जी सरदार सरोवर संबंधी बातों पर एक शब्द भी क्यों नहीं बोलते।
शिवराज-मोदी का गठजोड़
यह सब मोदी की साजिश है जिसमे शिवराज की गठजोड़ है। इलाके के दुकानदारों को जिया रिकॉर्डर होने के बावजूद भी प्लाट नहीं देना इन की मनमानी है। कई लोगों को मुआवजा नही दिया हैं। एक भी मछुआरों को अगर जलाशयों पर अधिकार दिया हो तो हम अपना आंदोलन वापस ले लेंगे।
धरना प्रदर्शन जारी
बड़वानी में विस्थापितों द्वारा बड़वानी कारंजा चोराहा पर धरना दिया गया। लोगों ने एकत्र होकर पंक्तिबद्ध रैली निकाली। यह रैली शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी कारंजा चोराहा से झंडा चोक पुराना स्टेण्ड होते हुए पुराना कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां जमकर की नारेबाजी की गई सरकार आकर करे संवाद आंदोलन करने वालो की मांग की है।
मेधा को कुछ हुआ तो प्रशासन जिम्मेदार
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन शासन को चुनौती दी गई की मेधा पाटकर समेत सभी अनशन पर बेठे लोगो को यदि खरोच भी आई तो सरकार का बुरा हाल कर देंगे क्योकि आशंका है की नर्मदा बचाओ आंदोलन को कमजोर करने के लिए मेधा पाटकर के स्वास्थ को कमजोर बताकर सरकार मेधा समेत अनशन करने वालो को उपवास स्थल से हटा देगी, जिससे आंदोलन की कमर टूट जाएगी।

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