नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 34वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि समकालीन चुनौतियों का मुकाबला मिलजुल कर ही किया जा सकता है| उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू हुए एक महीना हुआ है,और अब इसके फायदे दिखने लगे हैं। इस व्यवस्था से देश के कर ढ़ांचे को बल मिला हैउन्होंने कहा कि आज देश जातीय संकीर्णता, साम्प्रदायिक तनावों और क्षेत्रवाद जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। इनसे मुकाबले की साझा रणनीति बनाने की हिमायत करते हुए उन्होंने युवा शक्ति का आह्वान किया कि उनकी सहायता से ही इस प्रयास को जनांदोलन का रूप दिया जा सकता है। उन्होंने कहा भारत की अर्थव्यवस्था में एक सामाजिक अर्थशास्त्र है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि वर्षा जब विकराल रूप लेती है, तब पता चलता है कि पानी में कितनी विनाशक क्षमता है। बाढ़ जैसी आपदाएं बहुत विनाश करती हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पर्यावरण में हुए बदलाव का नकारात्मक असर दिखाई देने लगा है। भारत के कई हिस्से बाढ़ से जूझ रहे है। उन्होंने कहा कि भीषण वर्षा से किसानों का बहुत नुकसान हुआ है। बाढ़ से निपटने के लिए हेल्पलाइन 1078 लगातार काम कर रही है। मोदी ने कहा कि मौसम के पूर्वानुमानों के हिसाब से कार्यक्रम तय करने चाहिए, ताकि नुकसान से बचा जा सके| प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू हुए एक महीना हुआ है, अब इसके फायदे दिखने लगे हैं। जिस तेजी से नए पंजीकरण हुए हैं, उसने पूरे देश में नया विश्वास पैदा किया है। जीएसटी के प्रयोग को एक मॉडल के रूप में रखा जाएगा| मोदी ने कहा कि जीएसटी ऐतिहासिक उपलब्धि है, यह ईमानदारी की संस्कृति को बल प्रदान करने वाली व्यवस्था है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन हुआ, 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन हुआ तो 15 अगस्त को देश आजाद हुआ। हम भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे है। भारत छोड़ो का नारा डॉक्टर यूसुफ मिहिर अली ने दिया था। इतिहास के पन्ने भव्य भारत के निर्माण में हमारी प्रेरणा हैं। मोदी ने कहा कि इस 15 अगस्त को हम संकल्प दिवस के रूप में मनाएं, जिसकी सिद्धि 2022 तक हो। इस दिन गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, संप्रदायवाद भारत छोड़ो का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि आज करो या मरो की नहीं बल्कि नए भारत के संकल्प के साथ जुड़ने की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया नए भारत के निर्माण में युवा आगे आएं, ताकि इस मुहिम को जनांदोलन का रूप दिया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त के भाषण के लिए माई गॉव पर या नरेंद्र मोदी ऐप पर विचार भेजिए, मैं स्वयं इसे पढ़ता हूं।