वॉशिंगटन,अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकवादियों से लड़ने के लिए जोरदार रणनीति की कमी को लेकर अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना की। शीर्ष सैन्य कमांडर का कहना है कि युद्ध से जर्जर देश में अमेरिका की एक स्थायी सैन्य और राजनयिक उपस्थिति होगी। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सोमवार को हुए आत्मघाती हमलों के बाद छह माह पुराने इस प्रशासन की आलोचना की जा रही है। दोनों हमलों में 52 लोगों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने कहा है कि उसने पंजाब प्रांत की प्रांतीय राजधानी लाहौर पर हमला किया था। सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मकेन ने कहा कि यह शर्मनाक है कि हमारे पास अफगानिस्तान पर अब भी कोई रणनीति नहीं है। रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान पर हमला करने के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन इस्लामाबाद पर अपनी नीति और कठोर करने पर विचार कर सकता है। अमेरिकी और नाटो सैनिक 16 साल से अधिक समय से अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध कर रहे हैं। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के रैंकिंग सदस्य सीनेटर बेन कार्डिन ने कहा कि वह चिंतित हैं कि सत्ता में आने के छह माह बाद भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास अफगानिस्तान और पाकिस्तान में स्थिति का सामना करने के लिए कोई स्पष्ट एवं दमदार रणनीति नहीं है।