प्रणब दा ने GST को सराहा, कोविंद मंगलवार को लेंगे शपथ

नई दिल्ली,नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को शपथ लेंगे। प्रणब मुखर्जी ने सोमवार शाम 7:30 बजे बतौर राष्ट्रपति अपना आखिरी संदेश देश के नाम दिया। कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं। कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था। मंगलवार को कोविंद और प्रणब एक साथ राष्ट्रपति की शाही बग्घी में शपथ ग्रहण के लिए संसद पहुंचेंगे। सेंट्रल हॉल में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर कोविंद को राष्ट्रपति के रूप में संविधान की रक्षा की शपथ दिलाएंगे। मुखर्जी राष्ट्रपति की सीट पर बैठेंगे और कोविंद के शपथ लेने के बाद कुर्सियां बदली जाएगी। इसके बाद कोविंद कार से प्रणब को उनके नए घर 10 राजाजी मार्ग तक छोड़ेंगे। यहां पहले एपीजे अब्दुल कलाम रहते थे। इसके बाद तीनों सेनाओं के दस्ते कोविंद को लेने उनके पुराने घर जाएंगे। उन्हें बग्गी में बैठाकर राष्ट्रपति भवन तक लाया जाएगा।
इससे पहले मुखर्जी को संसद के सेंट्रल हॉल में सांसदों ने फेयरवेल दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राष्ट्रपति की अगवानी की। पहले लोकसभा स्पीकर ने प्रणब के सम्मान में सम्बोधन दिया। इसके बाद हामिद अंसारी ने अपनी बात रखी। इस मौके पर राष्ट्रपति ने भी सांसदों को संबोधित किया।
प्रणब दा ने की जीएसटी की तारीफ
प्रणब ने सांसदों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि अगर मैं ये दावा करूं कि मैं इस पार्लियामेंट का क्रिएशन हूं तो इसे किसी अशिष्टता के तौर पर नहीं लेना चाहिए। हाल के वक्त में जीएसटी का सफर पूरा हुआ और एक जुलाई को इसकी लॉन्चिंग हुई। ये हमारे सहयोगी संघवाद की एक चमकती हुई मिसाल है। ये भारतीय संसद की परिपक्वता के बारे में बताता है। आजकल ऑर्डिनेंस लाने का जो चलन है, उसे बेहद जरूरी होने पर ही अपनाया जाना चाहिए।
मेरा सौभाग्य है देश की सेवा का मौका मिला
प्रणब दा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश की सेवा का मौका मिला। तमाम तरह के लोग एक ही संविधान को मानते हैं, यही इस देश की खूबसूरती है। दोनों सदनों के सांसद इस देश की जनता की आवाज बनते हैं। मैं मोदी की एनर्जी का मुरीद हूं। उनके साथ बहुत अच्छी यादें लेकर जा रहा हूं।
इंदिरा गांधी को बताया निडर नेता
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि इंदिरा गांधी बहुत निडर नेता थीं। आपातकाल के बाद हम पहली बार साथ लंदन गए। मीडिया ने पूछा कि आपातकाल से आपको क्या मिला? उन्होंने कहा कि हमने उन 21 महीने में देश के सभी तबकों को एक साथ किया। इसके बाद हीथ्रो एयरपोर्ट के लाउंज में शांति छा गई। जब मैं पहली बार 48 साल पहले संसद में आया तो 38 साल का था। राज्यसभा में भी रहा। पिछले 37 साल में मैंने लोकसभा और राज्यसभा में सेवाएं दीं। पांच बार राज्यसभा में रहा। जब राज्यसभा में पहली बार आया तो यहां बहुत सम्मानित लोग, जिनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। भूपेश गुप्ता शानदार वक्ता थे। अटल जी और मधु लिमये जैसे सम्मानित लोग थे। एलके आडवाणी और सोनिया जी जैसे सुलझे लोग हैं। इस शानदार भवन से जाने पर थोड़े से दुख का अहसास हो रहा है।
संसद लोकतंत्र का मंदिर
प्रणब दा ने फेयरवेल के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस संसद ने एक इंसान को निखार दिया। ये लोकतंत्र का मंदिर है। संविधान ने हमें कई बातें सिखाई हैं। हमारा संविधान सिर्फ संविधान नहीं है, बल्कि ये एक अरब से ज्यादा लोगों की आशाएं हैं।
प्रणब दा को मिलेंगी ये सुविधाएं
प्रणब दा को पांच लोगों का स्टाफ मिलेगा। बुलेटप्रूफ मर्सिडीज, स्टाफ का खर्च उठाने के लिए 60 हजार रुपए सालाना, दो टेलीफोन (एक इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए और एक रोमिंग फ्री मोबाइल फोन) और इसके अलावा आजीवन उपचार नि:शुल्क मिलेगा।

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