नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने के बाद उनके लिए तेलुगू के शब्द ‘गारू’ का इस्तेमाल किया जो किसी को सम्मान देने के लिए बोला जाता है। मोदी ने ट्वीट किया कि ‘एक कृषक पुत्र। एम वेंकैया नायडू गारू सार्वजनिक जीवन में वर्षाें का अनुभव रखते हैं और हर राजनीतिक वर्ग में सराहे जाते हैं। एक समय आडवाणी के करीबी रहे नायडू ने २०१४ के आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी का जोरदार समर्थन किया। नायडू सूचना प्रसारण और शहरी विकास मंत्रालयों का कामकाज संभाल रहे थे। वह मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के समय राजग की पहली सरकार में ६८ वर्षीय नायडू ग्रामीण विकास मंत्री रहे। वह जुलाई २००२ से अक्तूबर २००४ तक लगातार दो कार्यकाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। २००४ के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया। आपातकाल के समय नायडू एबीवीपी के कार्यकर्ता रहे और जेल में भी रहे। मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री के नाते उन्होंने संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध की स्थिति में सोनिया गांधी समेत विपक्ष के नेताओं से संपर्क साधकर गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया। अपने भाषण और वक्तव्यों में तुकांत शब्द बोलने के कारण भी उन्हें अच्छा वक्ता माना जाता है।