UP-VS संदिग्ध पाउडर के बाद सपा विधायकों सहित विस अधिकारियों-कर्मियों से पूछताछ

लखनऊ,उप्र विधानसभा में सदन के भीतर बीती 12 जुलाई को खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन मिलने के बाद शासन व पुलिस के आलाधिकारियों की आंखों से नींद गायब हो चुकी है। विस्फोटक मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवरों से हड़कंप मचा हुआ है। उधर, विस्फोटक मिलने की जांच कर रहे उप्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) की टीम के साथ एक बार फिर विधानसभा की सघन तलाषी ली। इस दौरान फिर से एक संदिग्ध सफेद पाउडर बरामद हुआ। इसके अलावा विधायकों की सीट पर लगे कुषन के नीचे पान मसाला, खैनी आदि के खाली पाउच भी दबे मिले। वहीं सुरक्षा एवं जांच से जुड़े अधिकारी बीती देर रात फिर से मिले सफेद पाउडर को विस्फोटक नहीं मान रहे हैं लेकिन फिर भी इसे जांच के लिए लैब भेजा गया है। इस बीच, दो सपा विधायकों से एटीएस टीम ने पूछताछ भी है, जिनकी कि सीट के नीचे पीईटीएन बरामद हुआ था। वहीं शनिवार को विधान भवन के पास ही दो स्थानों पर संदिग्ध बैग मिलने से हड़कंप भी मच गया।उधर, एनआईए ने विधान भवन में 12 जुलाई को मिले विस्फोटक पीईटीएन को रि चेकिंग के लिए एफएसएल लैब, हैदराबाद भेजा है। माना जा रहा है कि वहां से कल तक रिपोर्ट मिल जाएगी। जिससे इस विस्फोटक की तीव्रता तथा क्षमता का भी पता चल जाएगा। एनआईए की टीम ने बीती रात के बाद शनिवार को भी विधान सभा हाल की चेकिंग की। इस दौरान एक-एक सीट की चेकिंग की गयी। सदन में विधायकों और यहां तक कि मंत्रियों की सीट तथा सीट के कुशन के नीचे पान मसाला के तमाम खाली पाउच के साथ ही खैनी की पुडिया तथा चूना मिला। जांच टीम ने सफाईकर्मियों का बयान लिया है। वहीं विस्फोटक पीईटीएन देखने वाले मार्शल से भी पूछताछ की गई है। साथ ही एटीएस की टीम ने आज रायबरेली के ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी के विधायक तथा पूर्व मंत्री मनोज कुमार पाण्डेय से पूछताछ की। मनोज कुमार पाण्डेय के साथ ही एटीएस की एक टीम ने कन्नौज से समाजवादी पार्टी के विधायक अनिल कुमार दोहरे से भी इस विस्फोटक मिलने के बारे में गहन पूछताछ की। इसके साथ ही एनआईए तीन दिन की सदन की कार्यवाही के पहले तथा बाद के सीसीटीवी फुटेज चेक कर रही है। एटीएस के अधिकारियों ने विधानसभा भवन में विस्फोटक बरामदगी के समय वहां मौके पर उपस्थित रहे अथवा ड्यूटी में तैनात विभिन्न 15 अधिकारियों, कर्मचारीगणों से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। एटीएस ने विधानसभा के एक असिस्टेंट मार्शल विधानसभा, चार इंजीनियरों, दो सुरक्षाकर्मियों (बीडीएस एवं डॉग स्क्वायड में तैनात), एक ऑपरेटर सहित सात चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से पूछताछ की गयी। एटीएस के अधिकारियों द्वारा विधान भवन परिसर में लगे कुल 23 कैमरों जिनमें 12 कैमरे परिसर में, 06 कैमरे भवन मंडल में, 02 कैमरे सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के आवागमन गेट पर तथा सदन के भीतर स्थापित दूरदर्शन के 03 कैमरों की रिकॉर्डिंग लेकर गहनता से खंगाल रही है। इसके अलावा एटीएस अब कल विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ विधानसभा परिसर में माकड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता करने के प्रयास करने जा रही है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की सुरक्षा संबंधित चूक न हो सके। वहीं दूसरी ओर विधान भवन से करीब सौ मीटर दूर सड़क पर एक लावारिस सूटकेस मिला है। इसके बाद एक और बैग अशोक मार्ग पर शक्ति भवन के पास मिला। शनिवार को विधानसभा मार्ग पर हजरतगंज चैराहे के पास झलकारी बाई अस्पताल के सामने लावारिस सूटकेस मिला है। एक स्कूटी पर रखे इस सूटकेस को जब काफी देर तक कोई नहीं ले गया तो वहां पर हड़कंप मच गया। तीमारदारों की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने सूटकेश को कब्जे में लेकर पड़ताल की तो उसमें कुछ कपड़े और कागज मिले। पुलिस का कहना है कि सूटकेस को कोई भूल गया होगा। वहीं शक्ति भवन के पास बैग स्टेट बैंक के एटीएम के बाहर मिला। बैग मिलने की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची, लेकिन फिर बम डिस्पोजल स्क्वॉड को बुलाने की बात कहकर गायब हो गई। इस बीच डीजीपी सुलखान सिंह ने भी विधान भवन की सुरक्षा का जायया लिया। डीजीपी सुलखान सिंह ने विधान भवन प्रांगण का भ्रमण किया। विधान भवन में सोमवार को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में लिए मतदान भी होना है। 17 जुलाई को सभी 403 विधायकों के साथ विधान परिषद भी मतदान में हिस्सा लेंगे। डीजीपी से पहले एडीजी जोन अभय प्रसाद भी विधान भवन पहुंचे। गेट पर सक्रिय सुरक्षा कर्मियों ने एडीजी की कार को गेट पर ही रोक लिया। कार में विधान भवन में प्रवेश का पास न होने के कारण उनकी गाड़ी को प्रवेश से रोका गया था। एडीजी जोन अभय प्रसाद सुरक्षा का जायजा लेने विधानसभा गेट पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। एडीजी अभय प्रसाद विधानसभा गेट-7 से अंदर घुस रहे थे, व्यक्तिगत पास ना होने के कारण वो निरीक्षण नहीं कर पाए।विदित हो कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा दस्ते से जुड़े लोगों को गुरूवार शाम विधानसभा हॉल के भीतर सबसे पहले कुछ संदिग्ध पाउडर रखे होने की सूचना मिली थी। यह पाउडर नेता विपक्ष की कुर्सी से थोड़ी ही दूरी पर स्थित उस कुर्सी के नीचे था, जहां सपा विधायक मनोज पाण्डे बैठते हैं। संदिग्ध पाउडर होने की सूचना तत्काल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी गयी। उन्होंने तत्काल ही सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े आलाधिकारियों की आपातकालीन बैठक बुलायी। हालांकि जब संदिग्ध पाउडर होने की जानकारी हुई तो सदन में बजट पर सामान्य चर्चा चल रही थी। ऐसे में बिना किसी को सूचना दिए बैठक खत्म होने का इंतजार किया गया। बैठक समाप्त होते ही डॉग स्क्वॉड ने पूरे विधानसभा को छाना और रात 12 बजे विधानसभा भवन बंद किया गया। सघन तलाषी के दौरान जो पाउडर बरामद हुआ, वह सफेद रंग का चीनी के पाउडर जैसा था। जांच करने पहुंचे अधिकारी प्रथम दृष्टया यह नहीं समझ पाये कि यह संदिग्ध पाउडर है क्या। डाॅग स्क्वाॅड और बम निरोधक दस्ते ने भी पहले इसे विस्फोटक मानने से एक तरह से इनकार कर दिया था। आनन-फानन में बरामद पाउडर को फाॅरेंसिक साइंस लेब्रोटरी को भेजा गया। जहां से शुक्रवार सुबह आयी रिपोर्ट ने सभी के पसीने छुड़ा दिए थे। लेब्रोटरी की रिपोर्ट में बरामद पाउडर को शक्तिषाली विस्फोटक पीईटीएन बताया। हालांकि, मौके से डेटोनेटर नहीं मिला। पीईटीएन के बारे में बताया गया कि इसे पेंटाइरिथ्रीटोल टेट्रानाइट्रेट के नाम से जाना जाता है। इसे प्लास्टिक बमों में सर्वाधिक शक्तिशाली और खतरनाक माना जाता है। इसे डिटेक्ट करना बहुत मुश्किल है। इसके अणु बेहद संगठित होते हैं। इसके कुछ ही अणु बाहर के वायु के साथ संपर्क कर पाते हैं। इसलिए कुत्ते या सेंसर तक इसकी पहचान नहीं कर पाते। पीईटीएन बमों की खासियत यह है कि इसे साधारण सीरिंज से भी केमिकल डेटोनेटर के जरिये विस्फोट किया जा सकता है। बरामद पाउडर के खतरनाक विस्फोटक होने की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर सुरक्षा से जुड़े आधिकारियों डीजीपी, प्रमुख सचिव, विधानसभा सचिव, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन, एडीजी कानून-व्यवस्था, एडीजी सुरक्षा, एएसपी विधान सभा समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया और विधान सभा और सचिवालय की सुरक्षा में लापरवाही के लिए जमकर फटकार लगाई थी।

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