रक्षा बंधन पर इस बार चंद्र ग्रहण का साया,2 घंटे 43 मिनट तक बाँधी जा सकेगी राखी

नई दिल्ली,10 जुलाई से प्रारंभ होकर 7 अगस्त तक चलने वाले सावन माह के रक्षाबंधन पर इस बार चंद्र ग्रहण का प्रभाव रहेगा। पांच सोमवार वाले सावन के माह में 5 अंक का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि शरीर में 5 इंद्रियां होती हैं। 7 अगस्त को सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षा बंधन हेतु शुभ समय है। इसी दिन चंद्र ग्रहण भी होगा जो रात्रि 10.52 से शुरू होकर 12.22 तक रहेगा। चंद्र ग्रहण से 9 घण्टे पूर्व सूतक लग जाएगा। ज्योतिष आर्चायों के मुताबिक इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा। चंद्रग्रहण पूर्ण नहीं होगा बल्कि खंडग्रास होगा। इसे भारत के अतिरिव्त एशिया के अधिकांश देशों, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय देशों, दक्षिण अप्रीका आदि स्थानों पर दिखा जा सकेगा।
ज्योतिष आर्चायों का कहना है कि ऐसा संयोग दशकों बाद बना है। इस बार सावन का महीना अनंत गुणा पुण्य प्रदान करेगा। श्रावण मास की शुक्ल तृतीया को समस्त उत्तर भारत में तीज पर्व अति उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इस मास विशेषकर शिव पुराण पढ़ना, सुनना, शिव पूजन, अर्चन, अभिषेक किया जाता है। शिवजी के रुद्र रूप की पूजा के लिए आप शिवलिंग का काले तिलों से स्नान प्रतिदिन करा सकते हैं और अखंड ज्योति भी जला सकते हैं। सावन माह में भगवान भोले शंकर को दूध, जल, पंचगव्य, बिल्व पत्र, आक, धतूरा, भांग आदि चढ़ाने से उनकी प्रसन्नता प्राप्त होती है। वृंदावन में इसी मास श्रावण शुक्ल तीज को झूला उत्सव एवं फूल बंगले सजाकर ठाकुर जी की सेवा करके भव्तजन कृपा भव्ति से आत्मविभोर होते हैं।

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