भोपाल-खजुराहो ट्रेन के ‎लिए अपग्रेड होंगे पुराने कोच

भोपाल,हाल ही में शुरू हुई भोपाल-खजुराहो नई ट्रेन को दूसरा चेयरकार मॉडल रैक भी मिलेगा। दूसरे चेयरकार मॉडल रैक के लिए पुराने कोचों को मॉडल के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। जनरल कोच को छोड़कर 12 कोच तैयार करने पर विचार चल रहा है।यह रैक निशातपुरा कोच फैक्ट्री में ही तैयार होगा। अभी ट्रेन के लिए एक ही रैक है। इसे देखते हुए दूसरा चेयरकार मॉडल रैक बनाने के प्रोजेक्ट पर रेलवे काम शुरू करने वाला है। तब तक ट्रेन में एक ही रैक दौड़ेगा। दूसरे रैक में शामिल कोच में भी आधुनिक सुविधाएं होगी। रेलवे सूत्रों के मुताबिक कोच में सेंट्रल बफर कप्लर लगाए जाएंगे, जो दुर्घटना की स्थिति में एक दूसरे पर नहीं चढ़ेंगे। रेट्रो फिटमेंट प्रोजेक्ट की तर्ज पर कोच की अंदरूनी बनावट स्क्रू रहित होगी, जो दुर्घटना के समय यात्रियों को अधिक चोट लगने से बचाएगी।
सीटों में शताब्दी की तर्ज पर तीन लेयर वाले गद्दीदार कुशन लगे होंगे, दो सीटों के बीच गेपिंग को सुविधाजनक बनाया जाएगा। कोच में मॉड्यूलर टॉयलेट, हाई ग्लॉस, एक्सटीरियर पेंट्स, ऑटोमेटिक परदे, बॉटल होल्डर, पावर चार्जर और डस्टबिन की सुविधा होगी। आधुनिक सुविधाओं वाले एक कोच को बनाने में 30 से 35 लाख स्र्पए खर्च होंगे। भोपाल-खजुराहो महामना एक्सप्रेस के बाद अब भोपाल मंडल में सीटिंग रैक वाली दो ट्रेनें हो गई है। पहले से हबीबंगज-जबलपुर शताब्दी एक्सप्रेस चल रही है। दोनों ट्रेनों के पास एक-एक रैक है। दोनों रैक में काफी अंतर है क्योंकि रेलवे ने भोपाल-खजुराहो ट्रेन के रैक को नई दिल्ली-वाराणसी के बीच चलने वाली महामना एक्सप्रेस के रैक के समान बनाया है। इसी के चलते उसका किराया भी सामान्य ट्रेनों की तुलना में 15 फीसदी अधिक है। ऐसे में भविष्य के दौरान भोपाल-खजुराहो महामना एक्सप्रेस के रैक में कोई तकनीकी खराबी आई तो ट्रेन चलाना मुश्किल होगा। इस दौरान जनशताब्दी एक्सप्रेस का रैक भी काम नहीं आएगा। इसे देखते हुए दूसरे चेयरकार मॉडल रैक की जरूरत पड़ेगी।

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