UP विधानसभा में विस्फोटक मिलने की जांच NIA को सौंपी

लखनऊ,उत्तरप्रदेश विधानसभा में खतरनाक विस्फोटक पाउडर बरामद किये जाने के बाद अब इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुरक्षा को लेकर किसी लापरवाही के पक्ष में नहीं है। उन्होंने आहवान किया की लोग सुरक्षा जांच में सहयोग करें और इसे किसा प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाये। इस बीच सुबह विधानसभा में मुख्यमंत्री की और से इस मामले में वक्तव्य दिए जाने के बाद शुक्रवार शाम लखनऊ के हज़रतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराइ गयी है।

खतरनाक साजिश का हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 150 ग्राम पीईटीएन मिला है। यह एक पुडिय़ा में मिला। विस्फोटक मिलना चिंताजनक है। यह एक खतरनाक साजिश का हिस्सा है, जो भी इस साजिश के पीछे हैं उनका पर्दाफाश होना जरूरी है। मैं विपक्षी दलों से इस मामले में सहयोग की अपील करता हूं। उन्होंने इसकी जांच एनआईए से करवाने की मांग की। कुछ लोग शरारत पर उतर आए हैं, उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है। योगी ने कहा कि विधानसभा के भीतर बिना पास की एंट्री बंद होनी चाहिए। सदन के सभी सदस्य सुरक्षा संबंधी गाइडलाइंस को फॉलो करें। सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। सुरक्षा के लिए आपसी सहमति भी जरूरी है।
सबसे बड़ा सवाल
इस विस्फोट का नाम पीईटीएन बताया जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह विस्फोटक अंदर कैसे पहुंचा। दरअसल, उप्र विधानसभा में एंट्री के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा चक्रों से गुजरना पड़ता है। यही नहीं विधानसभा में सिर्फ विधायकों, मंत्रियों, सफाईकर्मचारी और मार्शल को ही जाने की इजाजत है।
कांग्रेस ने उठाया सवाल
कांग्रेस के नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह राज्य की सुरक्षा का सच सामने लाता है। विधानसभा में विस्फोटक मिलना हैरानी की बात है। ये लोग जब विधानसभा को सुरक्षित नहीं कर सकते तो जनता को क्या करेंगे?
नई गाइडलाइंस जारी
इस घटना के बाद सरकार ने सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। हर गेट पर क्विक रेसपॉन्स टीम की तैनाती, अंदर एटीएस की टीम, एंट्री गेट समेत छह स्थानों पर स्कैनर, कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन, पुरानी गाडिय़ों के पास रद्द होंगे, विधायक, स्टाफ को छोड़ सभी के पास रद्द और ड्राइवरों के पास बनेंगे, इसे विधायक प्रमाणित करेंगे।

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