नई दिल्ली, विजय माल्या ने फरार होने से पहले ही मुखौटा कंपनियों के जरिए विदेश में 13 सौ करोड़ रुपये का निवेश किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून को विशेष अदालत में 57 पेज का आरोप पत्र दाखिल कर आरोप लगाया है कि शराब कारोबारी विजय माल्या ने 13 मुखौटा कंपनियों के जरिए यह रकम अमेरिका, आयरलैंड, मॉरीशस व फ्रांस में निवेश की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में आठ और लोगों को शामिल किया है। इन लोगों ने माल्या की इस फर्जीवाड़े में मदद की थी। आरोप पत्र आइडीबीआइ बैंक के नौ हजार करोड़ रुपये के लोन घोटाले में दाखिल किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने उसमें इसका जिक्र किया है। माल्या ने अमेरिका में अपनी बेटियों लीना व तान्या के नाम पर भारी भरकम संपत्ति खरीदी थी। एजेंसी का कहना है कि मुखौटा कंपनियों को लोन लेने व पैसा बाहर खपाने के लिए बनाया गया था। इनके मालिक माल्या खुद थे। यूबी ग्रुप के चार पूर्व अधिकारी इनके निदेशक थे। ईडी ने पिछले साल इस गोरखधंधे को लेकर मामला दर्ज किया था। अब तक उनकी 96 सौ करोड़ की संपत्ति को अटैच किया जा चुका है।
आरोप पत्र में जिक्र है कि आइडीबीआइ से माल्या को 860.92 करोड़ रुपये का ऋण मिला था। माल्या ने इसमें से 423 करोड़ रुपये विदेश में खपा दिए। उसने कागजों में दर्शाया कि यह रकम विमानों के रखरखाव में खर्च की गई। माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। 18 अप्रैल को इसी साल उन्हें स्कॉटलैंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सीबीआइ भी लोन घोटाले की जांच अपने स्तर से कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि जल्दी पूरक आरोप पत्र विशेष अदालत में दाखिल किया जाएगा।
माल्या ने मुखौटा कंपनियों के जरिए विदेश भेजे 13 सौ करोड़
