गंगा के पास कचरा फैलाया तो 50 हजार रु का जुर्माना

नई दिल्ली, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने गुरुवार को गंगा नदी और इसके आस-पास होने वाले प्रदूषण को लेकिर सख्ती बरतते हुए हरिद्वार से उन्नाव के बीच आने वाला गंगा नदी के पास १०० मीटर का क्षेत्र ‘नो डेवलपमेंट जोन’ के तौर पर घोषित कर दिया है साथ ही गंदगी फैलाने वालों पर ५०,००० रु का जुर्माना भी लगाने का निर्देश दिया है। प्राधिकरण ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हरिद्वार से उन्नाव के बीच गंगा नदी के तट से ५०० मीटर की दूरी तक किसी तरह का कचरा नहीं होना चाहिए और गंगा नदी के किनारे कचरा फैलाने वालों पर ५०,००० रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
एनजीटी का कहना है कि करीब ७,३०४ करोड़ रु इस पर खर्च किये है लेकिन यह भी व्यर्थ चला गया। एनजीटी ने निष्कर्ष निकाला कि नियोजन व नियमन में मौलिक त्रुटियां रहीं जिसके कारण गंगा की सफाई नहीं हो पायी। इस वर्ष के शुरुआत में ट्रिब्यूनल ने निर्णय लिया था कि गंगा के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों उत्तराखंड के हरिद्वार से उत्तरप्रदेश के कानपुर के बीच की जांच की जाएगी ताकि स्थिति की स्पष्ट तस्वीर सामने आए। सुप्रीम कोर्ट से भेजे गए ३२ वर्ष पुराने नदी प्रदूषण के एक मामले पर ग्रीन ट्रिब्यूनल में ६ फरवरी से सुनवाई की जा रही है। अप्रैल में एनजीटी ने नदी किनारे स्थित १३ प्रदूषण फैलाने वाले इंटस्ट्री के बंद करने का आदेश दिया था व कई अन्य इंडस्ट्री पर जुर्माना भी लगाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *