तीर्थयात्रियों पर हमले के दो और आतंकियों की पहचान, इस्‍माइल की खोज में तलाशी अभियान

श्रीनगर/अनंतनाग,जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार को अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले में सुरक्षा एजेंसियों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। खबर है कि पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल के अलावा दो और आतंकियों की पहचान हो गई है। अमरनाथ आतंकी हमले में जिन दो आतंकियों की पहचान हुई है उनके नाम आज़ाद मलिक और मजमिल मंज़ूर बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि हमले से पहले इन आतंकियों ने दो बार हमले की जगह की रेकी भी की थी।
बताया जा रहा है कि सबसे पहले आठ जुलाई को रेकी की गई थी, जिसमें अबू इस्माइल के साथ आज़ाद मलिक और मजमिल भी शामिल थे। तीनों आतंकियो को अनंतनाग में शाम पांच बजे देखा गया था। उसके बाद नौ जुलाई को अनंतनाग के खिर्बल इलाक़े में शाम 7 बजे ये हमले की जगह देखे गए थे। कहा यह भी जा रहा है कि दस जुलाई को हमला करने के बाद तीनों को अनंतनाग के हसनपुरा में देखा गया था। इस पूरे हमले में दो मोटरसाइकिलों का भी इस्तेमाल किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि इस हमले में चार आतंकी शामिल थे। चौथे आतंकी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, हमले की साजिश पाकिस्तान निवासी लश्कर कमांडर मोहम्मद अबू इस्माइल ने रची थी। वह दक्षिण कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर में लश्कर का कमांडर है। स्थानीय आतंकी संगठनों के साथ इसके अच्छे रिश्ते हैं और स्थानीय आतंकी इसे मदद करते हैं।
उधर,श्रीनगर में सुरक्षा बलों ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले के मास्‍टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबू इस्माइल को खोजने के लिए 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी अभियान चलाया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस्माइल का पता लगाने के लिए दक्षिणी कश्मीर में सक्रियता से अभियान चलाया जा रहा है। उन्होने बताया कि तीर्थयात्रियों पर हमले की जांच के दौरान पकड़ी गई बातचीत से पुष्टि हुई है कि इस घटना में इस्माइल शामिल था।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा सात अमरनाथ श्रद्धादुओं की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में ‘सर्वोच्च अलर्ट’ घोषित किया गया था। सेना का कहना है कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए पिछले कुछ महीनों से चलाए जा रहे अभियान से हुए नुकसान से आतंकवादी बौखलाए हुए हैं। इसलिए अब उन्होंने नागरिकों और पर्यटकों पर हमला किया है। उन्होंने बताया कि इस्माइल कई सालों से कश्मीर में सक्रिय है और करीब एक साल पहले दक्षिण कश्मीर को उसने अपना ठिकाना बनाया।

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