भोपाल,प्रदेश के अध्यापकों को अब चालू महीने से ही नियमित शिक्षकों के समान वेतन और सुविधाएं मिलेंगी। अध्यापकों का बहुप्रतीक्षित वेतन गणना पत्रक राज्य शासन ने जारी कर दिया है। उन्हें अब वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के तहत वेतन दिया जाएगा। इससे सीनियर और जूनियर के वेतन का अंतर खत्म हो जाएगा।शासन ने 15 अक्टूबर-16 को जारी गणना पत्रक निरस्त कर दिया है। निर्देशों के मुताबिक अगस्त का वेतन नए गणना पत्रक के हिसाब से निर्धारित होगा। अध्यापकों की बड़ी मांग क्रमोन्न्ति प्राप्त अध्यापकों के वेतनमान को लेकर थी। अब क्रमोन्न्त वेतनमान ले रहे सहायक अध्यापक और अध्यापकों के वेतन में 700 से 2500 रुपए तक की कटौती होगी। जबकि क्रमोन्न्त वेतन पा रहे वरिष्ठ अध्यापकों के वेतन में 4 हजार रुपए तक की वृद्धि होगी। वहीं वेतन विसंगति के चलते ज्यादा वेतन ले रहे अध्यापकों से भी वसूली की जाएगी।
शासन ने बंचिंग सिस्टम भी खत्म कर दिया है। शासन ने शिक्षक संवर्गों की पदोन्नति-क्रमोन्नति के लिए समय-समय पर जारी होने वाली सेवा शर्त, निर्देश और मापदंड अध्यापक संवर्गों पर भी लागू कर दिए हैं। यानि हर सुविधा शिक्षक संवर्ग जैसी मिलेगी। आहरण संवितरण अधिकारी वित्त विभाग के निर्देशों के तहत इनका वेतन तय करेंगे। उल्लेखनीय है कि अध्यापकों को एक जनवरी 2016 से छठवां वेतनमान दिया जा रहा है। अक्टूबर-16 में शासन ने विसंगतिपूर्ण गणना पत्रक जारी किया था। अध्यापकों को उसी से निर्धारित वेतन मिल रहा है। जिस कारण एक ही संवर्ग में रहते हुए अध्यापकों को अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है। ऐसे 5 फीसदी अध्यापक हैं, जिन्हें गलत निर्धारण के कारण ज्यादा वेतन दिया जा रहा है।पिछले 8 महीने में इन्हें दी गई अधिक राशि वेतन से वसूली जाएगी। इन अध्यापकों से राशि लौटाने के लिए वचन पत्र भरवाए जाएंगे। प्रदेश के 40 फीसदी अध्यापकों को फायदा भी होगा। इनका गलत पत्रक के कारण कम वेतन निर्धारित हुआ था। ऐसे अध्यापकों को एरियर राशि के साथ अंतर की राशि दी जाएगी। अध्यापकों को 9 माह के एरियर की पहली किस्त जल्द ही मिल सकती है। 15 अक्टूबर-16 के आदेश में शासन ने जनवरी से सितंबर-16 तक की एरियर राशि तीन समान किस्तों में देने को कहा था।