पटना,बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक-दो सप्ताह में अपने पद से हट सकते हैं। बेनामी संपत्ति और रेलवे के होटल घोटाले में आरोपी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू के छोटे बेटे तेजस्वी को उनके पद से हटाने पर विचार कर रहे हैं। शुक्रवार को लालू यादव के 12 ठिकानों पर सीबीआई के छापे के बाद राज्य का सियासी पारा गरमा गया है। सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में तेजस्वी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद सीएम नीतीश पर उनको पद से हटाने का दबाव बढ़ने लगा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने तो नीतीश से लालू के दोनों बेटों को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग कर डाली है।
उधर सूत्रों के मुताबिक पहले विकल्प के तौर पर नीतीश सीधे तेजस्वी से इस्तीफा मांग सकते है। वहीं, दूसरे विकल्प के अनुसार बिहार के सीएम लालू यादव से अपने पुत्र को इस्तीफा देने के लिए मनाने को कह सकते हैं। तीसरा विकल्प भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल होने तक तेजस्वी को उनके पद पर बने रहने दिया जा सकता है।
इस बीच सीबीआई की छापेमारी खत्म हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के 27 अधिकारियों की टीम ने राबड़ी देवी और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से पूछताछ की है। राबड़ी से 8 घंटे तक पूछताछ हुई है। तेजस्वी से भी करीब छह घंटे सवाल किए गए। सूत्रों के अनुसार तेजस्वी से पटना मॉल में हिस्सेदारी से संबंधित सवा्ल पूछे गए। सीबीआई के अडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने बताया कि लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे को दो होटलों के रखरखाव के लिए एक प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया गया और इसके एवज में लालू को तीन एकड़ जमीन दी गई। ये टेंडर साल 2004 से 2009 के बीच इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन के जरिए दिए गए थे, जब लालू रेल मंत्री थे। अस्थाना ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच रची गई इस कथित साजिश के लिए लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम , 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक-दो सप्ताह में तेजस्वी से इस्तीफा ले सकते हैं नीतीश
