हाईकोर्ट ने नरोत्तम मिश्रा को जारी किया नोटिस

भोपाल, मध्यप्रदेश हाइकोर्ट जबलपुर ने चुनाव आयोग द्वारा जलसंसाधन और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा की विधायकी खत्म करने के बावजूद शिवराज मंत्रीमंडल में मंत्री बने रहने और प्रदेश विधानसभा की सदस्यता जारी रखने को लेकर एक जनहित याचिका गुरुवार को स्वीकार की है। कोर्ट ने इस संबंध में मप्र सरकार मंत्री नरोत्तम मिश्रा और शिकायतकर्ता राजेंद्र भारती को नोटिस जारी करते हुए अपने जवाब आगामी सुनवाई तक देने के लिए कहा है।
जबलपुर के सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र दुबे ने यह जनहित याचिका दायर करते हुए कोर्ट से आग्रह किया है कि नरोत्तम मिश्रा को तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए और उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा द्वारा कार्रवाई की जाए।
जनहित याचिका में कहा गया है कि जब पेड न्यूज मामले में चुनाव आयोग में नरोत्तम मिश्रा की विधानसभा सदस्यता खत्म कर उन्हें तीन साल तक चुनाव लड़ने से बैन कर दिया है। याचिका में आगे कहा गया है कि नरोत्तम मिश्रा की विधानसभा सदस्यता बनी रहने और मंत्री पद पर कार्य करने से चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फैसले की अवमानना होती है।
गौरतलब है कि नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने पिछले 24 जून को विधायक पद से अयोग्य घोषित कर दिया है। मिश्रा पर आरोप था कि उन्होंने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज पर खर्च की गई रकम को अपने चुनावी खर्च में नहीं दर्शाया था। यह मामला काफी वक्त से लंबित था जिस पर शनिवार को चुनाव आयोग ने फैसला सुना दिया। पेड न्यूज के किसी मामले में चुनाव आयोग द्वारा की गई यह पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। नरोत्तम मिश्रा ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए इस फैसले पर स्टे मांगा था। हाई कोर्ट ने नरोत्तम मिश्रा को कोई राहत नहीं दी और इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 10 जुलाई को होना है।
इससे पहले नरोत्तम मिश्रा चुनाव आयोग द्वारा इस मामले की सुनवाई के खिलाफ 2015 में हाई कोर्ट भी गए थे, लेकिन कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। हाई कोर्ट ने मिश्रा की याचिका खारिज कर के एक तरह से गेंद चुनाव आयोग के पाले में डाल दी थी। बता दें कि इस मामले को दतिया के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती 2009 में चुनाव आयोग तक ले गए थे। उन्होंने मिश्रा पर साल 2008 के विधानसभा चुनाव में अखबारों में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगाया था। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर भारती ने मिश्रा को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

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