बैतूल, इसे विडम्बना ही कहेंगे कि शहर की शहर की आबादी हर वर्ष बढ़ती जा रही है, लेकिन शव रखने के लिए शहर में मात्र दो फ्रीजर उपलब्ध है। कल्पना कीजिए कि यदि एक साथ यदि शहर में दो से अधिक व्यक्ति का निधन हो जाए और अंतिम संस्कार दूसरे दिन करना पड़े तब क्या स्थिति निर्मित होगी? इसके बावजूद नगर पालिका नाम मात्र की राशि के फ्रीज क्रय करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर पा रही है। मजबूरी में दुर्गंध के बीच कई मामलों में शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।
10 वर्ष पहले शहर की आबादी हजारों (1 लाख से कम) में थी। आबादी इन दस वर्ष में लगभग 20 प्रतिशत बढ़ चुृकी है। तब से लेकर अब तक केवल अंतर इतना है खाली पड़े स्थानों पर नई इमारते तान दी गई है, लेकिन लोगों की मुख्य सुविधाएं आज भी नदारद हैं। मसलन शहर सरकार हर सुविधाओं को मुहैया कराने के प्रयास नहीं कर पाई है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण शव फ्रीजर न होने के बाद देखा जा सकता है। दरअसल लम्बे समय से शहर में शव फ्रीजर की कमी खल रही थी, इस कमी को नगर पालिका ने आज तक पूरा नहीं किया। शहर के कुछ सामाजिक लोगों ने लोगों की इस परेशानी को देखते हुए दो फ्रीज दान किए इनमें एक अग्रणी कपड़ा व्यवसायी विनय-तरूण भावसार ने अपनी पिता की स्मृति में दिया है, जबकि दूसरा फ्रीजर राजस्व निरीक्षक हरीश गढ़ेकर, रियल स्टेट कारोबारी अन्नू जसूजा और कलेक्टोरेट में पदस्थ लिपिक मनीष उदासी ने अपने परिजनों की याद दिए हैं। यह तो शुक्र है इन दान दाताओं का जिनके द्वारा फ्रीजर दान किए गए, इससे काफी हद तक समस्या का निदान हो गया। ताया जाता है कि शहर की आबादी के लिहाज से दो फ्रीजर काफी कम हैं। दरअसल दोनों ही फ्रीजर कोठी बाजार मोक्षधाम के पास उपलब्ध हैं। गंज मोक्षधाम में एक भी फ्रीजर मौजूद नहीं है। वैसे भी शहर की आबादी के हिसाब से कम से कम पांच शव फ्रीजर का होना आवश्यक बताया जा रहा है। पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा, होश्ंागाबाद में आधा दर्जन से अधिक फ्रीजर मौजूद हैं। यह सारी व्यवस्थाएं नगर पालिका ने ही कराई है।
नपा ने नहीं ली आज तक सुध
जिला मुख्यालय की नगर पालिका में करोड़ों रूपए के निर्माण कार्य चल रहे हैं, भले ही यह काम लोगों की मुलभूत सुविधाओं में शामिल हैं, लेकिन जीवन के अंतिम क्षण में सांसे थमने के बाद और अपनों के आने तक किसी का दूसरे दिन अंतिम संस्कार करना है तो नगर पालिका ने शव फ्रीजर खरीदने के आज तक प्रयास नहीं किए। वास्तव में होना यह चाहिए था कि नगर पालिका ने कम से कम दो से तीन शव फ्रीजर खरीदकर लोगों को मांग के अनुसार उपलब्ध कराना था, लेकिन शव फ्रीजर पर बैतूल नगर पालिका में निर्माण कार्य भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
नपा उपाध्यक्ष ने की पहल
शहर में शव फ्रीजर न होने के बाद लोगों की समस्याओं और सुझाव पर नगर पालिका उपाध्यक्ष आनंद प्रजापति को आगे आना पड़ा है। श्री प्रजापति ने हाल ही में सीएमओ को पत्र लिखकर उल्लेख किया है कि शहर की एक लाख 10 हजार की आबादी है। नगर में शव रखने हेतु फ्रीजर कर आवश्यकता नहीं होने से दिवंगतों के परिजनों को विपरित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इस हेतु सामाजिक लोगों और संस्थाओं ने एक शव फ्रीज उपलब्ध कराया है, लेकिन यह नाकाफी है। उन्होंने पत्र में सीएमओ से अनुरोध किया है कि नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो शव फ्रीज तत्कालक्रय किए जाएं।
इनका कहना…
शव रखे जाने के लिए फ्रीजर हेतु नपा उपाध्यक्ष का पत्र मिला है। फ्रीजर क्रय करने के लिए शीघ्र ही प्रयास किए जाएंगे।
अशोक शुक्ला, सीएमओ, नपा, बैतूल।
सवा लाख की आबादी पर मात्र दो शव फ्रीजर आबादी के हिसाब से कम पड़ रहे
