नवमीं-ग्यारहवीं की मूल्यांकन पद्धति में बदलाव

रायपुर,नये पैटर्न पर तिमाही और छमाही परीक्षा का आयोजन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिलास्तर पर किया जायेगा। वहीं वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा किया जायेगा। तिमाही के परीक्षाफल का १५ प्रतिशत, छमाही का २५ प्रतिशत और वाषिक परीक्षा का वेटेज ६०प्रतिशत होगा। नवमीं में हर विषय में २५ अंक प्रैक्टिकल परीक्षाओं के भी शामिल रहेंगे। राज्य बनने के बाद पहली बार नवमीं और ग्यारहवीं कक्षा की मूल्यांकन पद्धति में परिवर्तन किया जा रहा है। नवमीं और ग्यारहवीं में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किये जाने के बाद इन कक्षाओं की परीक्षा भी सीबीएसई की तर्ज पर ही आयोजित की जायेगी। तिमाही और छमाही परीक्षाओं के नतीजों का वेटेज वार्षिक परीक्षाआें में जोड़ा जायेगा। अब तक सीबीएसई बोर्ड में ही वार्षिक परीक्षाओं के पूर्व होने वाली परीक्षाओं का वेटेज जाता रहा है। वर्तमान में तिमाही और छमाही परीक्षायें स्कूल अपने स्तर पर आयोजित करते हैं। छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन और वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी कराने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया जाता है। इसमें पास या फेल होने का प्रभाव छात्रों की वार्षिक परीक्षाओं में नहीं पड़ता, इसलिए छात्र इसे लेकर गंभीर नहीं होते। छात्रों को साल के शुरुआत से ही पढ़ाई के लिए गंभीर बनाने का पैटर्न पर विचार किया जा रहा है।

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