नई दिल्ली, जीएसटी लॉन्चिंग का सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम शुरू को गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की जीएसटी से आम आदमी परेशान नहीं होगा। 20 लाख तक का व्यापार करने वालों को जीएसटी से कोई लेना देना नहीं रहेगा। साथ ही 75 लाख तक के व्यापारी को जीएसटी में राहत मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘आज देश आगे का रास्ता तय करने जा रहा है। जीएसटी हमारी सांझी विरासत है। ये किसी दल की सिद्धी नहीं है। संविधान सभा की तरह जीएसटी भी ऐतिहासिक है। गीता के भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुई है। इसके पहले अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी से 17 टैक्स समेत 23 सेस खत्म होंगे। उन्होंने इसे भारत के लिए नई राह की शुरुआत बताई।
रात 11 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के लिए 15 साल पहले 2003 से ही प्रयास शुरू हुए थे, जिसकी सफलता आज मिली है। जेटली ने कहा, इसके लिए सभी दलों का सहयोग होगा। इसमें राजनीति को अहमियत नहीं दी गई। जीएसटी काउंसिल ने कहा- देश ने एक साथ मिलकर काम किया और समझदारी दिखाई। हम राज्यों के साथ मिलकर फैसले करेंगे। देश में बहुदलीय प्रथा है। राज्यों और केंद्र के अफसरों ने मिलकर सराहनीय काम किया। ये जो यात्रा थी, आप सबसे अहम गवाह हैं, जो 15 साल पहले शुरू हुई थी। विजय केलकर जी यहां मौजूद हैं, उन्होंने रिपोर्ट दी थी। यूपीए ने 2006 में कहा था कि 2010 में इसे लागू करेंगे। 2011 में इसके लिए संशोधन की बात हुई। स्टैंडिंग कमेटी ने कई सुझाव दिए थे। यशवंत सिन्हा यहां मौजूद हैं, वो इस कमेटी के चेयरमैन थे। कमेटी के उस फैसले का असर था कि केंद्र और राज्यों को साथ काम करने लिए मजबूर किया गया। जेटली बोले – असीमदास गुप्ता ने मुझे इसके बारे में पहली शिक्षा दी थी। संसद और राज्यों ने सबकी सहमति से पास किया गया। जीएसटी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं। किसी भी वक्त पर हमें कोई फैसला लेने के लिए वोटिंग नहीं करवानी पड़ी। 1211 कमोडिटीज पर टैक्स तय किए गए। आम और गरीब आदमी पर ज्यादा असर ना पड़े।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया। मोदी ने कहा कि जीएसटी को लागू करने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल से बढ़कर कोई जगह नहीं हो सकती क्योंकि यह हॉल आजादी का साक्षी रहा है। संविधान सभा की पहली सभा का यह सभाग्रह (सेंट्रल हॉल) साक्षी है। इसमें नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराव ऑम्बेडकर पहली कतार में बैठे थे। जीएसटी किसी एक सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि हम सबके प्रयासों का परिणाम है। कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा। 1.25 अरब देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी है। मोदी ने कहा- आज जीएसटी के द्वारा आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है। जीएसटी ज्यादा सरल और ज्यादा पारदर्शी होगा। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम कसेगी। देश के गरीबों के लिए यह व्यवस्था सबसे कारगर होने वाली है। हमारी सभी सरकारों ने कोशिशें की हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अब कच्चे बिल, पक्के बिल की समस्या खत्म हो जाएगी। मौजूदा टैक्स से ये सीखा गया कि किसी के ऊपर ज्यादा बोझ ना पड़े। 17 ट्रांजेक्शन टैक्स हैं। इन्हें खत्म कर अब सिर्फ एक टैक्स देना होगा। मोदी ने कहा, जीएसटी की घटना सिर्फ अर्थव्यवस्था लिए मायने रखती है, ये मैं नहीं मानता । अलग-अलग प्रक्रियाएं चली हैं, ये एक प्रकार से वो भारत के कोआपरेटिव फेडरेलिज्म का एक अवसर है। आप सबका आभार। जो रास्ता हमने तय किया है वो किसी एक सरकार या एक दल की सिद्धि नहीं है। ये सांझी विरासत है। रात्रि को 12 बजे हम इस सेंट्रल हॉल में इक_ा हुए हैं। यहां हमारे महापुरुषों की पावन यादें हैं। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक का यह सभाग्रह साक्षी है। पहली बैठक में नेहरू, कलाम, अंबेडकर ये सब पहली कतार में बैठे हुए थे। जीएसटी किसी एक सरकार की नहीं, बल्कि सभी दलों की सांझी विरासत है। वे बोले- ये भी संयोग है कि गीता के 18 अध्याय थे। और जीएसटी की भी 18 बैठकें हुईं। अरुण जेटली ने जीएसटी पर इंट्रोडेक्टरी स्पीच में कहा कि ये देश के लिए ऐतिहासिक पल है। बता दें कि आजाद भारत के इतिहास में यह चौथा मौका है जब सेंट्रल हॉल में मिडनाइट सेशन चल रहा है। इससे पहले तीनों मौकों पर आजादी के जश्न के लिए आधी रात को संसद बुलाई गई थी। हालांकि, 70 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी टैक्स रिफॉर्म के लिए आधी रात को संसद बुलाई गई है।