गोरखालैंड मामले में बयान पर अमित शाह की भाजपा नेताओं को फटकार

नई दिल्ली,दार्जिलिंग में अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के विरोध प्रदर्शन एवं बंद के बीच पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं के बयानों से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह काफी नाराज हैं। उन्होंने तीन शीर्ष भाजपा नेताओं को गोरखालैंड पर गैर जरूरी बयान देने के लिए फटकार लगाई है। उन्होंने इन नेताओं को आइंदा ऐसे बयानों से परहेज के लिए भी कहा है। बता दें कि पश्चिम बंगाल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष समेत तीन शीर्ष नेताओं ने गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने का विरोध किया है। बयानबाजी करने वालों में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और महासचिव सुब्रत चटर्जी भी शामिल हैं। अमित शाह ने इन नेताओं से दिल्ली में उनसे मुलाकात करने के लिए निर्देश दिए हैं। पार्टी के एक सूत्र का दावा है कि ये पार्टी नेता गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने का विरोध कर रहे थे तथा उनके बयान लगातार मीडिया में आ रहे थे। शाह इसे लेकर नाराज थे। उनका मानना है कि जब दार्जिलिंग में स्थिति विस्फोटक है तो नेताओं को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने इस मामले में पार्टी के वरि… नेताओं कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा के संगठन महासचिव राम लाल से भी चर्चा की।
भाजपा के बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने 24 जून को कहा था कि वह किसी भाषा या समुदाय के आधार पर अलग राज्य के निर्माण के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि हमारा नजरिया बहुत स्पष्ट है कि हम गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने का समर्थन नहीं करते। असम में क्या होगा, जहां बड़ी संख्या में गोरखा रहते हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली के पार्टी नेताओं ने भाजपा नेताओं से ऐसे बयानों से बचने को कहा है जिससे ममता बनर्जी को दार्जिलिंग मामले में सियासी लाभ हो सकता है, जिसे वह सियासी तौर पर अपने सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल करते हुए कह सकती हैं कि दार्जिलिंग को लेकर भाजपा में शीर्ष और प्रदेश स्तर पर मतभेद है। राज्य के एक भाजपा नेता का कहना है कि गोरखालैंड मामले के अलावा अमित शाह राज्य के नेताओं से राज्य की राजनीतिक स्थिति, पार्टी के विस्तृत कार्यक्रम पर भी चर्चा करेंगे। इसी बीच बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग का गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के प्रमुख पद से इस्तीफा स्वीकार करने से मना कर दिया है। हालांकि उन्होंने जीटीए के अन्य 43 जीजेएम सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।

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