आनंदपाल एनकाउंटर: CBI जांच की मांग पर अड़े परिजन

नागौर,कुख्यात अपराधी आनंदपाल का एनकाउंटर करने के बाद पुलिस ने भले ही राहत की सांस ली हो, लेकिन अब पुलिस की परेशानी और बढ़ गई है। आनंदपाल के रिश्तेदार और समाज के कुछ लोग एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच कराने तथा आनंदपाल के अंतिम संस्कार में उसके दोनों भाइयों को बुलाने की मांग कर रहे हैं।
आनंदपाल के एनकाउंटर की सूचना मिलते ही उसके लाडनूं स्थित आवास पर मातम छा गया।

पुलिस ने एहतियात के तौर पर घर के बाहर सादा वर्दी में जवान खड़े कर दिए। आनंदपाल के अंतिम संस्कार के लिए उसकी मां निर्मल कंवर सहित अन्य परिजन लाडनूं से सांवराद पहुंच गए हैं। परिजनों के साथ समाज के भी काफी लोग आनंदपाल का शव पहुंचने से पहले ही उसके घर पर एकतित्र हो गए। आनंदपाल के परिजन और रिश्तेदार एक ही बात पर अड़े हुए हैं कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। उनका आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर आनंदपाल का एनकाउंटर किया, जबकि वह समर्पण करने को तैयार था।

आनंदपाल के घर मातम,खुशियां मना रहे गांव वाले
आनंदपाल का एनकाउंटर होते ही पूरे प्रदेश में खुशी छा गई, वहीं दूसरी तरफ उसके गांव सांवराद व लाडऩू स्थित आवास पर मातम छाया हुआ है। घर के आसपास कोई नजर नहीं आ रहा है।
जिस जीवन गोदारा की हत्या के बाद आनंदपाल सुर्खियों में आया था, उसके घर में जश्न का माहौल है। आनंदपाल के एनकाउंटर की खबर फैलते ही ग्रामीण जीवन गोदारा के घर के सामने एकत्र हो गए। देर रात से लेकर सुबह तक लोग आनंदपाल की मौत पर खुशियां मनाते देखे गए। आनंदपाल के गांव वालों का कहना है कि उन्हें कुछ हद तक आज न्याय मिला है। आनंदपाल द्वारा निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार और हत्याएं की जा रही थीं, उसका अंजाम उन्हें एनकाउंटर में मौत के रूप में भुगतना पड़ा है।
गौरतलब है कि 27 जून 2006 को डीडवाना के गोदारा मार्केट में सरेआम गोलियों से भूनकर जीवन गोदारा हरफूल जाट और पप्पू मेघवाल की हत्या कर दी गई थी। उस घटना के बाद ही आनंदपाल अपराध की दुनिया में चर्चा में आया और इस हत्याकांड के बाद दिनों-दिन वह पुलिस की नजर में बड़ा अपराधी बन गया। हत्याकांड के चार साल बाद आनंदपाल जयपुर के पास एक फार्म हाउस पर पकड़ा गया था और 3 साल जेल में रहने के बाद फिर से पुलिस पर गोलीबारी करते हुए फरार हो गया था। आनंदपाल द्वारा फरारी के दौरान पुलिस पर भी कई बार हमला किया गया, जिसमें दो पुलिसवालों की जान भी जा चुकी है। इस एनकाउंटर के बाद संगठित अपराधों पर कुछ हद तक रोक लगने की उम्मीद जताई जा रही है।

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