किसानों ने नेशनल हाइवे पर किया चक्का जाम,21 को करेंगे शवाशन

भोपाल/छतरपुर/इंदौर, कर्ज माफी की मांग मनवाने के लिए किसान संगठनों ने शुक्रवार को नेशनल हाईवे जाम कर दिए। 62 किसान यूनियनों के संगठन राष्ट्रीय किसान महासंघ ने दोपहर 12 से 3 बजे तक जाम का आह्वान किया था। उधर, छतरपुर जिला कलेक्टर रमेश भंडारी ने आदेश जारी किया है कि 20 जून तक किसानों ने कर्ज का भुगतान नहीं किया तो उनके हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। हालांकि कलेक्टर ने ऐसे किसी आदेश से इनकार किया है। कलेक्टर ने इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी करने पर सहकारी बैंक के महाप्रबंधक वायके सिंह को नोटिस भेजा है। शहर के मिसरोद चौराहे पर बड़ी संख्या में किसानों ने चक्काजाम किया था। इसी बीच किसान नेता शिवकुमार शर्मा और उनके समर्थकों को पुलिस ने 11 मील तिराहे से गिरफ्तार कर लिया । गिरफ्तारी के बाद शर्मा ने कहा कि, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। 21 जून को हम सभी पीएम मोदी के साथ योग करने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे। योग दिवस पर वहां मौजूद सभी लोग योग करेंगे, जबकि किसान शवासन करेंगे। मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, राजगढ़, जबलपुर से भी बड़े चक्काजाम  किये ।

इधर, मिसरोद अनुविभागीय दंडाधिकारी पुलिस अतीक अहमद खान ने बताया कि शिव कुमार शर्मा अपने समर्थकों के साथ राजमार्ग जाम करने आए थे। इसी दौरान शांति भंग की आशंका के मद्देनजर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अपनी गिरफ्तारी के पहले शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि अगर उन्हें लंबे समय तक भी जेल में रखा गया, तो वे जमानत नहीं कराएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्याओं का दौर उन्हें गिरफ्तार करने से नहीं रुकेगा और प्रशासन को किसानों की आत्महत्याएं कैसे रुके, इस बात पर विचार करना चाहिए। उधर, इंदौर  में सभी स्थानों पर इस दौरान शांति रही और चक्काजाम के दौरान कहीं से किसी अप्रिय स्थिति की सूचना नहीं है। हालांकि सभी राजमार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया। महासंघ के सदस्य रघुपति सिंह ने बताया कि कर्ज माफी के अलावा किसानों को फसलों का उचित दाम दिलवाना और मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करना भी उनकी मांगों में शामिल हैं। मंदसौर में छह किसानों की मौत के बाद संगठन ने 10 जून को हाईवे जाम करने का फैसला लिया था। मप्र के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत के बाद संगठन ने 10 जून को दिल्ली में हुई बैठक में हाईवे जाम करने का फैसला लिया था। इसके तहत किसानों ने पहले 11 से 15 जून तक विभिन्न जिलों में धरने-प्रदर्शन कर मांगें मनवाने के लिए दबाव बनाया। रघुपति ने बताया कि मंदसौर में किसानों की हत्या के मामले में महासंघ जल्द ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास भी जाएगा। संगठन ने कहा कि यह प्रदर्शन भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ है। किसान संघ का कहना है कि मध्यप्रदेश में किसानों पर हुए अत्याचार को देशभर में प्रचारित किया जाएगा और किसानों की मांगें पूरी होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

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