सिंधिया गिरफ्तार,नहीं मिल सके मृत किसानों के परिजनों से रेहटी में किसान ने जहर खाकर जान दी

भोपाल/मंदसौर/इंदौर, रेहटी में कर्ज के बोझ के तले दबे किसान 52 वर्षीय दुलीचंद के ज़हर खाकर जान दे दी। उन पर 6 लाख से ज्यादा का कर्ज था। तीन दिन पहले भी रायसेन में किशन सिंह मीणा ने खुदकुशी की थी। किसान आंदोलन के दौरान हुई गोलीबारी के बाद मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोर्चा खोल रखा है।उन्होंने इंदौर के अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। सिंधिया ने इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने किसानों को एक-एक करके निशाना बनाया, उनसे बुरा सलूक किया. सिंधिया ने यह भी कहा कि उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, जिन्होंने गोली चलाने का आदेश दिया था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि घायलों से मिला।

उन्होंने जो घटनाक्रम बताया उसने मुझे अंदर से झकझोर दिया है। पुलिस ने एक-एक कर किसानों को गोली मारी। शवों को घसीटा गया। मोबाइल और पैसे छीने गए, जिन अधिकारियों ने गोली चलाने का आदेश दिया उन पर कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि 700 किसानों को जेल में डाल दिया गया। छह किसानों की मौत हो गई, 10 किसान लापता हैं, लेकिन गोली चलाने का आदेश देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मंदसौर जिले में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने 46 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इन सभी मामलों में प्रदर्शनकारी किसानों पर हिंसा और आगजनी फैलाने के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन पुलिस के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। गौरतलब है की मध्य प्रदेश में कर्जमाफी और फसलों की उचित मांग को लेकर किसानों ने जगह-जगह उग्र प्रदर्शन किया था। इसके पहले मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोली चालन में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने जा रहे जूनियर सिंधिया,कांतिलाल भूरिया और महेंद्र सिंह कालूखेड़ा को जावरा के समीप एक टोल नाके पर हिरासत में ले लिया गया। उन्हें मृतक किसानों के परिजनों से मिलने नहीं दिया गया। इस बात से नाराज होकर सिंधिया वहीं धरने पर बैठ गए और बाद में हिरासत के समय पुलिस वाहन में ही रोड शो करते हुए बढ़े। सिंधिया ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री का उपवास खत्म हो गया है,यह भी कहा जा रहा है कि स्थितियां सामान्य हो गई हैं,तो फिर किसानों के परिवारों से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है। उधर,गुजरात में पाटीदार आंदोलन से चमके हार्दिक पटेल को मध्यप्रदेश की सीमा पर नीमच जिले के नयागांव से हिरासत में ले लिया गया। वह भी मंदसौर के आंदोलनकारी किसानों और मृत किसानों के परिवारों से नहीं मिल सके। इधर सिंधिया का भोपाल के टीटी नगर दशहरा मैदान पर सत्याग्रह का बुधवार से कार्यक्रम है,जो अब 72 घंटों के स्थान पर 50 घंटे का होगा। जो 16 जून को खत्म होगा जिसके बाद कांग्रेस नेताओं का खलघाट में बड़ी किसान पंचायत में शिरकत करने का कार्यक्रम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *