रिजर्व बैंक ने यथावत रखी ब्याज दर, एसएलआर में 0.5 प्रतिशत कटौती की

मुंबई, रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख ऋण दर (रेपो रेट) को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है जबकि सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में 50 आधार अंकों यानी 0.5 प्रतिशत कटौती करने करते हुए सरकार के कर्जमाफी के वादे को ‘व्यावहारिक जोखिम’ बताते हुए इसकी आलोचना की। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में समिति के सभी छह सदस्यों ने मौद्रिक नीतिगत फैसलों के पक्ष में वोट किया। जिसके बाद आरबीआई ने रेपो रेट या वाणिज्यिक बैंकों को दिए गए कर्ज पर अल्पकालिक ऋण दरों को यथावत रखा और कहा कि आंकड़ों में कोई बदलाव करने का फैसला करने से पहले वह व्यापक आर्थिक आंकड़ों के आने का इंतजार कर रहा है।
बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कर्जमाफी के वादों से बचने पर जोर दिया और कर्जमाफी को व्यावहारिक जोखिम करार दिया, जो अन्य लोगों के ऋण दर में बढ़ोतरी का कारण बन सकता है। आरबीआई ने सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) एमपीसी ने पॉलिसी रेट कॉरिडोर को 25 आधार अंक कम करने का फैसला किया। हालांकि, रिवर्स रेपो दर को बढ़ाकर छह फीसदी कर दिया है। विदित हो कि एसएलआर रेपो रेट तथा रिवर्स रेपो रेट के बीच का अंतर है। आरबीआई ने बयान जारी कर कहा, एलएएफ (लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी) के तहत रिवर्स रेपो दर 6.0 फीसदी है जबकि एमएसएफ (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) दर और बैंक दर 6.50 फीसदी है।
आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चार फीसदी पर बनाए रखा है।
गौरतलब है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई बयान के मुताबिक, मौजूदा समय में महंगाई ग्राफ के आसपास जोखिम संतुलित हैं। महंगाई से जुड़े घटनाक्रमों पर करीब से और सतत नजर रखी जानी चाहिए।
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक के मिनट्स 20 अप्रैल को जारी होंगे। एमपीसी की अगली बैठक पांच जून और छह जून 2017 को होगी। आरबीआई ने आठ फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी ऋण दरों को 6.25 फीसदी को यथावत रखा था।

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