मूक-बधिर पल्लवी ने एनआईएफटी की परीक्षा में पाई 20 वीं रैंकिंग

बैतूल,बचपन से वह बोल नहीं पाती थी और सुनने की क्षमता नहीं थी, लेकिन गरीब परिवेश में जन्म लेने के बावजूद उस बिटिया ने कुछ अलग कर गुजरने की ठानी थी। बचपन में लिया गया संकल्प हमारे जिले की मूक-बधिर बिटिया पल्लवी बुआड़े का पूरा होते हुए दिखाई दे रहा है। हाल ही में ऑल इंडिया एनआईएफटी एग्जाम में गरीब परिवार की इस बेटी ने २० वीं रैंकिंग हासिल कर पूरे जिले को गौरान्वित किया है। बिना किसी सरकारी मदद और ट्यूशन के २० वीं रैकिंग हासिल करने अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।
मूलत: चिल्हाटी के रहने वाले जीवनलाल बुआड़े नगर पालिका बैतूल में जेसीबी के चालक हैं। उन्हें एक मुश्त वेतन मिलता है। इसी वेतन से वे अपना पांच सदस्यीय परिवार का पालन-पोषण करते आ रहे हैं। उनकी एक बेटी पल्लवी बुआड़े (पंवार) बचपन से ही मूक-बधिर थी उसके भविष्य को लेकर वे हमेशा चिंतित रहते थे, लेकिन बेटी होनहार थी। इसी वजह उसकी हर बातों का ध्यान रखते थे। श्री बुआड़े ने बताया कि मूक-बधिर बिटिया फेशन डिजाईन करने का मन आया। खर्च अधिक होने के बावजूद भोपाल के सरोजनी नायडू गल्र्स हायर सेकंडरी स्कूल शिवाजी नगर में एनआईएफटी में प्रवेश लिया। नेशनल इंस्टीटयूट आफ फेशन टेक्नालाजी का परीक्षा परिणाम हाल ही में घोषित किया गया है। जिसमें इस छात्रा ने मूक-बधिर होने के बावजूद ४०० में से २४९ अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया तीसरी रैंकिंग प्राप्त की है। बेटी की सफलता से पूरा परिवार गदगद है।
गरीब परिवार से होने के कारण पल्लवी आगे की पढ़ाई के लिए नईदिल्ली जाना चाहती है, लेकिन पैसे का अडंगा उसकी राहों में रोड़ा बन रहा है। पल्लवी के पिता जीवन लाल ने बताया कि अभी तक उन्हें किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली है। उनका कहना है कि यदि पल्लवी को आर्थिक मदद मिल जाए तो वह आगे चलकर और अच्छे परिणाम ला सकेगी। उन्हें उम्मीद है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी सहायता उपलब्ध कराएंगे ताकि उनकी बिटिया की राह आसान हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *