जल्द ही केजरीवाल के दफ्तर में नहीं होगा एक भी अफसर

नई दिल्ली,यह सुनकर भले अजीब लगे लेकिन यह सच है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का दफ्तर जल्द ही अफसरों से विहीन होने वाला है। यानी कुछ ही समय में दिल्ली सचिवालय के तीसरे फ्लोर पर स्थित सीएम अरविंद केजरीवाल के दफ्तर में एक भी अफसर नहीं होगा जिसका मतलब है कि कामकाज ठप होने की भी नौबत आ सकती है। सीएम दफ्तर में तैनात दो आईएएस अफसरों पर केस दर्ज होने के कारण वो निलंबित कर दिए गए हैं। जबकि अन्य ३ में से किसी को ट्रांसफर कर दिया गया है तो किसी ने छुट्टी की अरजी दी है तो एक ने अपने घर जाने की अरजी लगाई है। इसका सीधा सा मतलब है कि जल्द ही सीएम केजरीवाल के दफ्तर में एक भी अफसर नहीं होगा।
इस खबर पर एक सरकारी सूत्र ने कहा कि, ‘इस तरह केजरीवाल का दफ्तर(सीएमओ) व्यावहारिक रूप से कमजोर हो जाएगा। और केजरीवाल के स्टाफ में कुल चार सदस्य बचेंगे। लेकिन कोई अफसरशाह नहीं होगा और ना ही सरकार में उनकी कोई भागीदारी होगी। चूंकि अफसर सरकार चलाने और उसके कामकाज में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और यह सरकार को पंगु बना देने का प्रयास लगता है। वहीं सरकार के एक प्रवक्ता ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘जल्द ही सीएमओ में कोई अधिकारी नहीं होगा। केजरीवाल के दफ्तर में तैनात पहले दो अफसर जिन्हें निलंबित किया गया उनमें केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और सीएम के पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी तरुण शर्मा हैं। केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले राजेंद्र कुमार और तरुण शर्मा को सीबीआई ने २०१६ में अपने पद का दुरुपयोग करके एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कर ?लिया था। इन दोनों ही अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था और राजेंद्र कुमार ने तो ये दावा किया था कि जांच करने वाले अधिकारियों ने उनसे ये वादा किया था कि अगर वो केजरीवाल को फंसा देते हैं तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। राजेंद्र ने दिसंबर में स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के लिए अर्जी डाली थी। सुकेश कुमार जो १९९२ बैच के आईआरएस अफसर हैं उन्हें २०१५ में केजरीवाल के स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया गया था। अब सुकेश अपने पूर्व पद पर जाना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को एक खत भी लिखा है। केजरीवाल के दफ्तर के एक अन्य अधिकारी १९९५ बैच के दीपक वीरमानी दानिक्स कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें केजरीवाल के अतिरिक्क सचिव के तौर पर एडिशनल प्रभार मार्च २०१६ में सौंपा गया था। वीरमानी ने स्टडी लीव अप्लाई किया है। वो पॉलिसी रिसर्च का अध्ययन करने के लिए सरकारी सेवा से एक साल का अवकाश चाहते हैं। हालांकि? वो दिल्ली में ही पढ़ाई करेंगे। वर्ष १९९६ बैच की दानिक्स अधिकारी गीतिका शर्मा को गृह मंत्रालय ने उसी दिन ट्रांसफर ऑर्डर दे दिए थे जिस दिन २०१६ में राजेंद्र कुमार और सुकेश जैन गिरफ्तार हुए थे। गीतिका को अंडमान ट्रांसफर किया जा रहा था, हालांकि उनका ट्रांसफर रोक लिया गया।

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