ISI से पैसा लेकर उसे हिसाब भी देते हैं अलगाववादी

नई दिल्ली,पकिस्तान की आतंक को फंडिंग पर एक अहम खुलासा हुआ है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से मिल रही वित्तीय मदद के पुख्ता सबूत जुटा लिए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने इस सिलसिले में कश्मीर के अलगाववादी गुटों के सक्रिय कार्यकर्ताओं से पूछताछ में पता लगाया है कि आईएसआई इन अलगवावादियों और आतंकवादियों को भेजी गई पाई-पाई का हिसाब भी रखता है।
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को मिल रही वित्तीय मदद का पाकिस्तान से ईमेल के जरिये भेजा जा रहा ब्यौरा एनआईए के हाथ लगा है। पकड़े गए ईमेल संदेशों से साफ है कि कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा हवाला के जरिये आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को वित्तीय मदद मिल रही है। इसमें पता चला है कि हवाला से कश्मीर में भेजे जाने वाली वित्तीय मदद कहां और किस मद में खर्च की जानी है, इसका भी पूरा हिसाब रखा जाता है। वित्तीय मदद मुहैया कराने की इस व्यवस्था के तहत अलागाववादी संगठनों की ओर से पाकिस्तान में सक्रिय संगठनों से जरूरत के मुताबिक पैसे की मांग की जाती है।
पकड़े गए ईमेल संदेश में अलगावादी गुटों द्वारा आईएसआई को इलाके में संगठन के लिये काम करने वाले विवाहित और अविवाहित कार्यकर्ताओं की संख्या, फरार और जेल में बंद आतंकवादियों की सूची और इनके परिजनों का ब्यौरा दिया गया है। इतना ही नहीं, मांगी गई राशि की आईएसआई से मंजूरी लेने के लिये कश्मीर में सक्रिय संगठनों को प्रत्येक इलाके में अलगाववादियों और आतंकवादियों की संख्या, शिक्षा और उम्र का भी ब्यौरा देना होता है।
एक अन्य ईमेल संदेश में आईएसआई द्वारा कश्मीर में सक्रिय ३० विवाहित आतंकवादियों को प्रति व्यक्ति १०,००० रुपये की दर से ३,००,००० रुपये की राशि जारी करने की मंजूरी दी गई है, जबकि ३७ अविवाहित आतंकवादियों को २,९६,००० रुपये जारी करते हुये प्रति व्यक्ति ८,००० रुपये और फरार २३ आतंकवादियों के परिजनों को १,०००-१,००० रुपये मंजूर किये गये हैं।

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