अनिल माधव दवे का बांद्राभान में होगा अंतिम संस्कार

भोपाल ,केंद्रीय पर्यावरण राय मंत्री अनिल माधव दवे का अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के मुताबिक नर्मदा किनारे बांद्राभान में होगा। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री के भी आने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही कई केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री भी शामिल होंगे।
गुरुवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 61 साल के थे। गुरुवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। जहां दवे ने आखिरी सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बड़े राजनेताओं ने दुख व्यक्त किया है। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को पर्यावरण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। खबरों के अनुसार, दवे संसद के पिछले दो सत्रों में नहीं पहुंचे थे। तबीयत ठीक नहीं होने के चलते छुट्टी पर थे। सिर्फ मेडिकल चेकअप के लिए संसद आते थे।
दवे ने नर्मदा और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम किया। दवे का मध्यप्रदेश की राजनीति से लंबा जुड़ाव रहा है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साम्राय को उखाड़ फेंकने में उनकी भूमिका सर्वोपरि मानी जाती है। उनकी रणनीति की बदौलत ही मध्यप्रदेश में भाजपा ने अपनी पैठ बनाई है। 2009 से मध्य प्रदेश से रायसभा सदस्य थे। वे लंबे समय से आरएसएस से भी जुड़े रहे।
शाम को दवे की पार्थिव देह निजी विमान से भोपाल लाई गई। अंतिम दर्शन के लिए उनकी पार्थिव देह प्रदेश भाजपा कार्यालय में रखी गई। जहां उनके प्रशंसकों और कार्यकर्ताओं में अंतिम दर्शन के लिए होड़ लगी रही।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे मोदी सहित कई दिग्गज
दोपहर 2:00 बजे दवे की पार्थिव देह एम्स से सफदरजंग स्थित उनके सरकारी बंगले पर लाई गई। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभी स्पीकर सुमित्रा महाजन, महेश शर्मा, कलराज मिश्र, धर्मेंद्र प्रधान, प्रभात झा, कैलाश विजयवर्गीय, डॉ. हर्षवर्धन समेत कई नेताओं और मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
दवे की चार इच्छाएं
दवे ने 23 जुलाई, 2012 को एक वसीयत लिखी थी। उनके निधन के बाद यह पत्र सामने आया है। इसमें उन्होंने चार इच्छाएं जाहिर की है।
– संभव हो तो मेरा दाह संस्कार बाद्राभान में नदी महोत्सव वाले स्थान पर किया जाए।
– उत्तर क्रिया के रूप में केवल वैदिक कर्म ही हों। किसी भी प्रकार का दिखावा, आडंबर ना हो।
– मेरी स्मृति में कोई भी स्मारक, प्रतियोगिता, पुरुस्कार, प्रतिमा इत्यादि विषय कोई भी ना चलाए।
– जो मेरी स्मृति में कुछ करना चाहते हैं, वे कृपया वृक्षों को बोने व उन्हें संरक्षित कर बड़ा करने का कार्य करेंगे तो मुझे आनंद होगा। वैसे ही नदी-जलाशयों के संरक्षण में अपनी सामर्थ्य अनुसार, अधिकतम प्रयत्न भी किए जा सकते हैं। ऐसा करते हुए भी मेरे नाम के प्रयोग से बचेंगे।
कुशल लेखक थे दवे
दवे पर्यावरण के चिंतक होने के साथ अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने कई विषयों पर किताबें लिखीं थी।
– शताब्दी के पांच काले पन्ने, संभल के रहना अपने घर में छुपे हुए गद्दारों से, महानायक चंद्रशेखर आजाद, रोटी और कमाल की कहानी, समग्र ग्राम विकास के अलावा भी लेखन किया।
आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज
दवे के सम्मान में दिल्ली और सभी राज्यों की राजधानियों में सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। केंद्र ने फैसला किया है कि दिवंगत नेता के सम्मान में दिल्ली और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। अंतिम संस्कार के दिन, जहां अंतिम संस्कार होगा, वहां राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
मोदी बोले, दोस्त और आदर्श साथी खो दिया
पीएम ने शोक जताते हुए कहा कि दोस्त और एक आदर्श साथी के तौर पर अनिल दवे जी के निधन से दुखी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। लोक हित के काम के लिए दवेजी को याद रखा जाएगा। कल शाम ही वो मेरे साथ थे। हमने कुछ नीति और मुद्दों पर चर्चा भी की थी। उनका जाना मेरे लिए निजी क्षति है।
सभी ने किया शोक प्रकट
केंद्रीय मंत्री अनिल दवे के निधन से दुख पहुंचा। उनके परिवार और शुभचिंतकों के लिए मेरी संवेदनाएं।
– प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति
दवेजी के आकस्मिक निधन से धक्का लगा। वह अच्छे वक्ता और जेंटलमैन थे। अपने नम्र स्वभाव के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि।
– सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
बड़े भाई, घनिष्ठ मित्र अनिल माधव दवे के असामयिक निधन से हैरान हूं। उनके रूप में देश ने सच्चा देश भक्त और मां नर्मदा का सपूत खो दिया।
– शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मप्र
दवेजी एक सच्चे प्रकृति प्रेमी थे। पर्यावरण की रक्षा और विकास के लिए उनके काम को याद रखा जाएगा।
– प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री
कैबिनेट के साथी दवेजी के लिए निधन से गहरा धक्का लगा। वह पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को लेकर काफी संवेदनशील और बहुत जुझारू थे। उनके परिवार के लिए मेरी संवेदनाएं।
– राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री
दवेजी के अचानक निधन से दुखी और हैरान हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।
– रमन सिंह, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
मैंने दवेजी के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए काम किया। वो बहुत अच्छे लेखक, चिंतक और पर्यावरण के जानकार थे। नर्मदा संरक्षण के लिए उन्होंने कई अहम काम किए। उनके निधन से देश ने एक बड़ा नेता खो दिया।
– कैलाश विजयवर्गीय, महासचिव भाजपा
दवेजी के निधन से मध्य प्रदेश ने एक पर्यावरणविद् और सुलझा हुआ राजनेता खो दिया। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
– ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता

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