प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए सरकारी खजाने से जुटाई जा रही भीड़

भोपाल, नमामी देवी नर्मदे के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति को लेकर राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा भीड़ एकत्रित करने में लगी हुई है। इसके लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं। ये आरोप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने लगाए हैं।
नेताद्वय ने पत्रकारवार्ता में कहा कि कांगेस पार्टी विगत् 11 दिसम्बर,2016 से जारी ’नमामि देवी नर्मदे‘ राजनैतिक यात्रा के समापन समारोह में आ रहे प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति पर घोर आपत्ति जताती है। पार्टी उनसे जानना चाहती है, कि आखिरकार क्या कारण है कि पिछले 11 वर्षों से माँ नर्मदा नदी से निकाली जा रही अरबों रूपयों के रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन, संग्रहण और उससे मुनाफाखोरी करने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के परिवार से संबंधित भ्रष्टाचार की कांगेस पार्टी सहित तमाम सरकारी एजेंसियों से प्राप्त प्रामाणिक जानकारियों के बावजूद भी वे इस समापन समारोह में शिरकत करने क्यों पधार रहे हैं? क्या प्रधानमंत्री जी का मुख्यमंत्री और उनके परिवार को इस अवैध व्यापार करने हेतु परोक्ष-अपरोक्ष समर्थन प्राप्त है? नेताद्वय ने बताया कि कांगेस ने अवैध रेत उत्खनन से संबंधित तमाम दस्तावेज समेत रेत माफियाओं द्वारा किए गए अधिकारियों पर जानलेवा हमले से जुड़ी समस्त जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को विगत् 03 फरवरी, 2017 को ई-मेल और डाक द्वारा उपलब्ध कराई थी, उसके पश्चात 27 अप्रैल को स्मरण पत्र पुनध् प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया। इसके साथ ही उनसे विनम्र आग्रह किया था कि वे समापन समारोह में शिरकत न करें। बावजूद इसके प्रधानमंत्री मोदी इस अक्षम्य अपराध में किस कर्तव्यबोध के तहत हिस्सा ले रहे हैं?
नर्मदा यात्रा में राजस्व कोष से करोड़ों रूपए बर्बाद करने का आरोप कांग्रेस ने लगाया और कहा कि एक ओर जहां इस 144 दिवसीय यात्रा और इसके प्रचार-प्रसार में जनता की गाढ़ी कमाई से प्राप्त राजस्व कोष के करोड़ों रूपयों को बर्बाद किया गया है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर सरकार ने प्रदेश के 51 जिलें से 2 लाख 12 हजार 250 लोगों के लिए कुल 5 हजार 311 बसों को जब्त कर उनके आवागमन हेतु व्यवस्था की गई है। यही नहीं, इस जमा भीड़ को विभिन्न पंचायतों, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले जनअभियान परिषद व अन्य एजेंसियों के माध्यम प्रशिक्षण दिये जाने के नाम पर बुलाया जा रहा है, जिन्हें 100/- रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय भी दिया जायेगा। यही नहीं, इनके भोजन इत्यादि खर्च का वहन पर्यटन विभाग द्वारा किया जायेगा और इस भुगतान व अन्य खर्च की राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और कृषि मंत्रालय के अधीन कार्यरत एग्रीकल्चर टेक्नॉलाजी मेनेजमेंट एजेंसी (आत्मा) से व्यय की जायेगी। इन्हीं विभागों नें पूर्व में भी राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में संपन्न भाजपा के आयोजन में जबरिया एकत्रित की गई भीड़ के लिए भी करोड़ों रूपयों के विभिन्न व्ययों का भुगतान किया था!
कांग्रेस के नेताद्वय का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी 01 लाख 62 हजार करोड़ रूपयों के कर्ज बोझ में दबे इस प्रदेश के राजस्व कोष से सिर्फ और सिर्फ इस राजनैतिक आयोजन व अपने “पापों के अक्षम्य अपराध” को धोने के लिए करोड़ों रूपयों की इस बर्बादी पर क्या आप सहमत हैं?

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