मृत मजदूरों की दो-दो और तीन पत्नियां मुआवजा किसे दे?

इन्दौर, हुकमचंद मिल के मजदूरों को बकाया करीब 50 करोड़ रुपए बांटा जाना है। जो जिंदा मजदूर है उनका पैसा तो सीधे खाते में जमा किया जाएगा, लेकिन मृत मजदूरों के वारिसों को पैसा बांटने में अनेक समस्याएं आ रही है।
मजदूर नेता हरनामसिंह धालीवाल ने बताया कि जो मजदूर जिंहा है, उनके काते में पैसा ट्रांसफर करने को लेकर कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन रोज नई तरह की परेशानी आ रही है। मजदूर की मौत पर पत्नी को बारिस मानकर पैसा दिया जाना है, पर दो-दो, तीन-तीन पत्नियां सामने आ रही है. इन्हें कैसे पैसा दें, समझ नहीं आ रहा। एक मजदूर के मामले में तीन पत्नियों ने दावा करते हुए कहा कि वे असली पत्नी हैं और उन्हें ही पैसा दिया जाए. वहीं दो पत्नियों वाले तो करीब दर्जनभर मामले आ गए हैं। जिन मामलों में मजदूर और उसकी पत्नी दोनों की मौत हो गई, उसमें वारिस के तौर पर बेटों के सात ही बेटियां भी हक मांग रही हैं।
ऐसे मामले सामने भी आए हैं, जिन मजदूर ने शादी ही नहीं की थी और वारिस का कोई नाम नहीं लिखाया था ऐसे केस में उनके नजदीक रिश्तेदार दावा कर रहे हैं कि आखिरी समय में उन्होंने ही देखभाल की थी।

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