नई दिल्ली,तिहाड़ में आने वाला कोई भी कैदी अनपढ़ न रहने पाए, इसके लिए जेल प्रशासन ने उन्हें पढ़ाने के लिए प्लान तैयार किया है। कैदियों के लिए जेल के अंदर प्राइमरी स्कूल शुरू करने का प्लान है। पढ़ते वक्त कैदियों को स्कूल जैसा माहौल मिले इसके लिए क्लास में कुर्सी-मेज होंगी और उनके लिए एक ड्रेस कोड भी होगा। स्कूल तीन तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके लिए इसी फील्ड में काम करने वाले एक एनजीओ की भी मदद ली जा रही है। सब कुछ योजना के हिसाब से रहा तो यह स्कूल 15 मई से शुरू किया जाएगा। फिलहाल जेल नंबर-5 के विचाराधीन कैदियों के लिए यह स्कूल शुरू किया जाएगा। इसकी वजह है कि इसी जेल में तिहाड़ के सबसे कम उम्र 18 से 21 साल वाले विचाराधीन कैदी बंद हैं। इनमें से काफी कैदी ऐसे हैं, जो अखबार पढ़ना तो दूर अपना नाम तक नहीं लिख सकते।
अधिकारी ने बताया कि हमने इनमें से काफी कैदियों से बात की और यह जानने का प्रयास किया कि आखिर वह क्यों नहीं पढ़ पाए? इनके फीडबैक से पता लगा कि अधिकतर के घर के हालात ऐसे नहीं थे जो पढ़ पाते या फिर कुछ को उनके पिता ने छोटी उम्र में ही अपराध की दुनिया में धकेल दिया। इसके बाद जब कैदियों से पूछा गया कि अगर उन्हें जेल में स्कूल जाने के लिए कहा जाए तो क्या वह स्कूल जाएंगे? अधिकतर का जवाब हां में मिला तो फिर जेल के अंदर ही स्कूल चलाने की योजना पर काम करना शुरू किया है। प्लान के तहत हमने पहली अप्रैल से कैदियों को पढ़ाना तो शुरू कर दिया था। लेकिन अब यहां स्कूल शुरू किया जाएगाॉ ताकि कैदी हर रोज पढ़ाई कर सकें। इस स्कूल में भी दूसरे स्कूलों की तरह रविवार और छुट्टियों के दिन छुट्टियां रहेंगीं। स्कूल में कैदियों को पहली क्लास से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई कराई जाएगी। जेल नंबर-5 में इस योजना के हिट होने के बाद फिर दूसरे जेलों में भी इसे अमल में लाया जाएगा।