ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत इन-सर्विस डॉक्टरों को दें 30 प्रतिशत अंकों का लाभ

जबलपुर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राय सरकार को निर्देश दिए है कि ग्रामीण एवं अंदरूनी क्षेत्रों में कार्यरत इन-सर्विस डॉक्टरों को 30 प्रतिशत अंकों का अतिरिक्त लाभ दिया जाए। जस्टिस आरएस झा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राय सरकार को पीजी पाठय़क्रमों में दाखिले के लिए दोबारा काउंसलिंग अर्थात प्रवेश प्रक्रिया कराने के निर्देश दिए हैं। करीब 50 से अधिक इन-सर्विस डॉक्टरों की याचिकाओं में राहत प्रदान करते हुए कोर्ट ने राय सरकार को कहा है कि योग्य उम्मीदवार को वरीयता सूची में उपयुक्त स्थान दिया जाए।
सरकार ने एमसीआई के नियमों के विपरीत जाकर बनाए नियम
कोर्ट ने राय सरकार के उस नियम को भी असंवैधानिक करार दिया है जिसमें केवल 89 अधिसूचित क्षेत्रों में कार्य करने वाले डॉक्टरों को ही 30 प्रतिशत अतिरिक्त अंकों का लाभ देने का प्रावधान था। कोर्ट ने कहा कि राय सरकार ने एमसीआई के नियमों के विपरीत जाकर अपने नियम बनाए और पात्र उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।
सरकार के नियम को डॉक्टरों ने दी है चुनौती
गौरतलब है कि राय सरकार द्वारा 500 पीजी सीटों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग कराई जा रही है, जो 25 मार्च 2017 से शुरू हुई। यह काउंसलिंग 3 चरणों में 20 मई तक चलेगी। राय सरकार ने 8 मार्च को उक्त नियम प्रभाव में लाया था। राय सरकार के इस नियम को उन डॉक्टरों ने चुनौती दी जिन्होंने दूरस्थ इलाकों में काम किया, लेकिन उन्हें लाभ नहीं दिया गया। इन-सर्विस डॉक्टरों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं को उक्त नियम का लाभ मिलने से 200 रैंक का इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि राय सरकार ने बिना किसी सर्वे, निरीक्षण, परीक्षण के मात्र 89 आदिवासी अधिसूचित क्षेत्रों को चयनित किया जो कि असंवैधानिक है।

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