भोपाल,प्रदेश के किसान भी अब अपनी जमीन लीज पर दे सकेंगे, इसके लिए सरकार नियम बनाने जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों के राजस्व विभाग के अफसरों की बैठक दिल्ली में बुलाई गई है। इस बैठक में अधिकारी अपने यहां की भूमि की स्थिति और राजस्व प्रावधानों से अवगत कराएंगे ताकि नियम बनाने में कानूनी अड़चनें न आएं।
केंद्र सरकार द्वारा लीज की भूमि को लेकर नियम बनाने का काम पिछले साल से शुरू हुआ है। इसके लिए लीज नियम 2016 में प्रस्तावित प्रावधानों से राज्यों को अवगत कराया गया है। अब इन प्रावधानों पर राज्यों के सुझाव लेने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में 17 अप्रेल को दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक होगी, जिसमें केंद्र राज्यों के अफसरों से सुझाव लेगा ताकि किसानों व भूमि स्वामियों की जमीन लीज पर देने के नियमों सरलता रहे और केंद्र की स्वीकृति के बाद राज्य इसे आसानी से लागू कर सकें। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए प्रस्तावित नियमों में कहा गया है कि किसान अपनी जमीन जिसे भी चाहे, उसे एक द्घिनश्चित समय सीमा के लिए एग्रीमेंट कर दे सकता है।इसके बाद जैसे ही लीज एग्रीमेंट की अवधि खत्म होगी, वैसे ही जमीन लेने वाले व्यक्ति का उस पर से अधिकार खत्म हो जाएगा और जमीन वापस किसान की हो जाएगी।
इसका असर यह होगा कि किसान की जमीन छीनी नहीं जा सकेगी और एग्रीमेंट कर किराए या समझौते पर भूमि लेने वाला व्यक्ति उस पर अपना दावा नहीं कर सकेगा। उसका कब्जा उस पर साबित नहीं होगा जिससे किसान की जमीन सुरक्षित रहेगी। इससे पहले प्रदेश में स्थिति यह रही है कि बटाई पर जमीन लेने वालों द्वारा किसान की जमीन पर कब्जा कर लिया जाता था। इसके अलावा जमीन विवाद के केस रेवेन्यू और सिविल कोर्ट में लगा दिए जाते रहे हैं।इसके कारण किसान को अपनी ही जमीन के लिए परेशान होना पड़ता है। इसे रोके जाने की मांग के चलते इस कानून का प्रावधान किया जा रहा है।