मैं प्राचीन भारतीय विचारों का दूत,भारत ने नहीं किया चीन के विरूद्व इस्तेमाल

वोमडिला, अरुणाचल के दौरे पर आए बौद्व धर्म गुरू दलाई लामा ने आज कहा कि भारत ने चीन के खिलाफ कभी मेरा कभी प्रयोग नहीं किया, मैं हमेशा से प्राचीन भारतीय विचारों का दूत रहा हूं
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा का बयान तब आया है जब चीन उनके अरूणाचल प्रदेश दौरे को लेकर कड़ा विरोध कर रहा है।
दलाई लामा ने चीन से कहा कि वह तिब्बत को अर्थपूर्ण ‘‘स्व-शासन’’ और ‘‘स्वायत्तता’’ दे। दलाई लामा का राज्य में हफ्ते भर का दौरा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं जहां भी जाता हूं वहां अहिंसा, शांति, सद्भाव और धर्मनिरपेक्ष नैतिकता का संदेश देता हूं।’ अपने अरूणाचल दौरे को लेकर चीनी विरोध से बेपरवाह धर्म गुरू ने कहा, ‘‘कई चीनी भारत से प्यार करते हैं लेकिन जैसा कि मैंने कहा कुछ संकीर्ण सोच वाले राजनेता हैं, वो मुझे दैत्य मानते हैं।’ तिब्बत के रूख को स्पष्ट करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वतंत्रता नहीं मांग रहे। हम पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ रहने के लिये तैयार हैं।’

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