गरोठ,बौद्ध धर्म के भिक्षुओ के समय की गुफाएं आज भी मौजूद हैे । जिनकी कलाकृतियां अपनी अमित गाथा बया कर रही। यह सुवासरा तहसील के जंगल इलाके के समीप स्थित गांव खेजडिय़ा भूप में स्थित हैे ।
मालवा के प्रान्त में कई जग़ह गुप्तकालीन के समय बनी हुए गुफाएं जिनका रहष्य पौराणिक गाथाओ में सुनने में आया जिनके शैल चित्र ओर विशाल के शिवलिंग भी देखने को मिले हैे जो देखरेख के अभाव् में खस्ता हालात में आज भी अपनी अमित छाप स्वरूप अस्तित्व में मौजूद हैे । खेजडिय़ा भूप में बौद्ध धर्म के शेल चित्र ओर गुफाएं पुराणिक काल के अपने अस्तिव का स्वयं ही बखान कर रही । मुर्तिया शिलोत्कीर्ण गुफाएं जो खेजडिय़ा भूप में अर्धवृत्ताकार पहाड़ी पर बौद्ध धर्म के भिक्षुओ के निवास हेतु पहाड़ को काटकर बनाए गए गुफा के कक्ष स्थित हेै । क्षेत्र में कई जगह पौराणिक शिलाओं के लेख देखने को मिल रहे । इस प्रकार की 28 गुफाऐं गुप्तकालीन में बनाई गई थी ।
इन गुफाओ के संरक्षण हेतु कार्य भी किए जा रहे यह गुफाएं बौद्ध स्थापत्य कला के विकास एवं धर्म प्रचार आदि की दृष्टि से खेजडिय़ा भूप की शिलोत्कीर्ण गुफाऐं महत्वपूर्ण हे। गुप्त कालीन इन शिलोत्कीर्ण गुफाओं के विकास हेतु पुरातत्व संग्रहालय के माध्यम से निर्माण कार्य करवाया जा रहा निर्माण एजेंसी के ठेकेदार ने बताया की दीमक के करें गुफाओ में दरारे आ रही जिन में यही के पत्थर ओर चुने को मिक्स कर नवीनकरन किया जा रहा जिससे इनकी मजबूती बरकरार रहेगी ओर गुफाओ के पत्थर से इनके निर्माण का कार्य किया जा रहा जिससे किसी प्रकार का कोई विपरीत प्रभाव नही पड़ेगा । चुना पत्थर के मिश्रण से दीमक ओर कम्पन्न का प्रभाव नही पड़ता उक्त निर्माण शोध करने के बाद ही किया जा रहा । गुफाओ की मरम्मत का कार्य किया जा रहा । इनके संरक्षण के लिए संचनालय पुरातत्व संग्रहालय भोपाल के द्वारा देख रेख में निर्माण कार्य को गति दी जा रही ।