आयुध-निर्माणी: पुराने बमों को सहेजे रखना बना विस्फोट की वजह

जबलपुर, खमरिया की आयुध फैक्ट्री में पुराने और उत्पादन बंद कर दिए गए ओल्ड स्टॉक के बमों को नष्ट नहीं किए जाने से बमों में धमाके हुए थे। 30 साल पहले आरसीएल बमों का उत्पादन बंद हो गया था,लेकिन वह अभी नष्ट नहीं किए गए थे। नतीजतन बंद बिल्डिंग और उसमें गाहे-बगाहे तेज हवा और आंधी तो कभी छोटे-मोटे जीव जन्तुओं की चहलकदमी से वह अपने स्थान से उपर-नीचे या आगे-पीछे होते रहे जिससे यह हादसे में तब्दील हुआ।
धमाकों की दहशत आज भी बरकरार है। विस्फोटक स्थल को ठंडा करने के लिए पानी का छिडक़ाव टैंकों से किया जा रहा है। इस बीच जांच दल का गठन कर उसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसा कि पता ह बमों में विस्फोट के कारण बिल्डिंग नम्बर 845 पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है । यहां पर बमों की खेप रखी हुई थी।
सूत्र बताते हैं कि अभी बहुत से सेक्शन एैसे हैं,जहां पुराने बमों का स्टॉक रखा हुआ है। जिन्हें अभी तक नष्ट नहीं किया गया है। अचानक हुए विस्फोट से फैक्ट्री प्रबंधन का रूख उन सेक्शनों की ओर मुड़ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुराने बमों को नष्ट करने के लिए लंबी कागजी कार्रवाई और अनुमतियों के फेर के कारण फैक्ट्री प्रबंधन लापरवाह की राह पर चल पड़ते हैं। गौरतलब है कि करीब डेढ़ साल पहले भी एफ -2 सेक्शन की एक बिल्डिंग में आग लग गई थी जिस पर रात भर में काबू नहीं पाया जा सका था।
इधर,फैक्ट्री में कामकाज तो शुरू हुआ,लेकिन क र्मचारियों के मन में दहशत और शंकाऐं बनी हुई हैं। जाहिर सी बात है,इसका प्रभाव उत्पादन पर भी पड़ेगा ही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *